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'2029 तक हम कहीं नहीं जाने वाले', देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे को दिया पार्टी में आने का ऑफर

फडणवीस का यह न्योता उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे के दो दशकों बाद हुए पुनर्मिलन के बाद आया है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Devendra Fadnavis offered Uddhav Thackeray to join the Mahayuti

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को विधानसभा में अपने प्रतिद्वंद्वी उद्धव ठाकरे को बीजेपी नीत महायुति गठबंधन में शामिल होने का खुला न्योता दिया. यह प्रस्ताव उन्होंने विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, जो उद्धव ठाकरे की शिवसेना गुट के सदस्य हैं, के विदाई समारोह के दौरान दिया. 

फडणवीस ने उद्धव ठाकरे को दिया ऑफर

फडणवीस ने उद्धव ठाकरे को संबोधित करते हुए कहा, "देखिए उद्धव जी, 2029 तक हमारे (विपक्ष में) जाने की कोई गुंजाइश नहीं है... लेकिन अगर आप इस तरफ आना चाहें, तो इस पर विचार करें... यह आप पर निर्भर है... इस पर विचार किया जा सकता है." उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में जोड़ा, "अंबादास दानवे कहीं भी हों (पार्टी या विपक्ष), लेकिन उनके असली विचार दक्षिणपंथी हैं." इस बयान पर विधानसभा में ठहाके गूंज उठे.

ठाकरे भाइयों का पुनर्मिलन

फडणवीस का यह न्योता उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे के दो दशकों बाद हुए पुनर्मिलन के बाद आया है. यह मिलन मराठी स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लागू करने के राज्य सरकार के फैसले को वापस लेने के बाद 'मराठा गौरव' के उत्सव के रूप में हुआ. उद्धव ने 5 जुलाई की रैली में कहा, "हम एक साथ आए हैं और एक साथ रहेंगे. हम मुंबई और महाराष्ट्र में सत्ता हासिल करेंगे."

शिवसेना का विभाजन

राज ठाकरे ने 2005 में उद्धव से मतभेद के बाद अविभाजित शिवसेना से अलग होकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) बनाई थी. हालांकि, मुंबई नगर निगम चुनाव से पहले दोनों भाइयों ने औपचारिक गठबंधन की घोषणा नहीं की है, लेकिन उद्धव की शिवसेना के संजय राउत ने इसे "महाराष्ट्र के हितों की रक्षा के लिए समय की जरूरत" बताया.

भविष्य की संभावना

फडणवीस का यह बयान महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरणों का संकेत देता है. उद्धव का महायुति में शामिल होना एक बड़ा बदलाव हो सकता है, जो आगामी चुनावों को प्रभावित करेगा.