Rahul Gandhi On Electoral Bond: चुनावी बांड मुद्दे पर पीएम मोदी के उस टिप्पणी की आलोचना की है जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी को पछतावा होगा. राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर इस कथित जबरन वसूली योजना को अंजाम देने का आरोप लगाया.
राहुल गांधी ने कहा कि चुनावी बांड में महत्वपूर्ण चीज़ नाम और तारीखें हैं. उन्होंने कहा कि अगर आप नाम और तारीखें देखेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि जिन लोगों ने चुनावी बांड दिया उसके बाद लाभ के रूप में उन्हें अनुबंध दिया गया था या उनके उपर चल रही सीबीआई जांच वापस ले ली गई थी.
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए गए एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड थे, तो आपको पता चल रहा है कि किस कंपनी ने दिया, कैसे दिया, कहां दिया. इस प्रक्रिया में जो हुआ वह अच्छा था या बुरा, यह बहस का मुद्दा हो सकता है. लेकिन आज हमने देश को पूरी तरह से काले धन की ओर धकेल दिया है, इसलिए मैं कहता हूं कि जब ईमानदारी से सोचेंगे तो हर किसी को पछताना पड़ेगा.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनावी बांड को जबरन वसूली योजना बताया है. उन्होंने कहा कि यह दुनिया की सबसे बड़ी जबरन वसूली योजना है और पीएम मोदी इसके मास्टरमाइंड हैं.राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी से पूछें कि एक दिन सीबीआई जांच शुरू हो और उसके तुरंत बाद उन्हें पैसा मिल जाता है और उसके तुरंत बाद सीबीआई जांच रद्द कर दी जाती है. उन्होंने आगे कहा कि कंपनी पैसा देती है और उसके तुरंत बाद उन्हें ठेका दे दिया जाता है. सच्चाई यह है कि यह जबरन वसूली है और पीएम मोदी इसके मास्टरमाइंड है.
राहुल गांधी के आरोपों का खंडन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि योजना के माध्यम से योगदान देने वाली 3,000 कंपनियों में से 26 को ईडी जैसे जांच निकायों से जांच का सामना करना पड़ा.उन्होंने कहा कि इनमें से 16 कंपनियों ने चल रही जांच के बीच बांड हासिल किए. इनमें से 37 प्रतिशत राशि बीजेपी को और 63 प्रतिशत राशि विपक्षी दलों को गई. पीएम ने का कि उनका लक्ष्य इधर-उधर भटकते रहना है.