Questions arise on Ram Rahim Furlough: हत्या और सुनारिया जेल में रेप मामले में अलग-अलग सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम सिंह को एक बार फिर 21 दिन की फरलो मिली है. इस साल उसे पहले भी दो बार फरलो मिल चुकी है, ये तीसरा मौका होगा जब राम रहीम 2023 में तीसरी बार फरलो पर बाहर आएगा. राम रहीम के बार-बार फरलो पर बाहर आने पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं. अब एक बार फिर फरलो की टाइमिंग को लेकर सवाल उठ रहे हैं.
हरियाणा में दो शिष्याओं से बलात्कार के दोषी राम रहीम को 28 अगस्त 2017 को 20 साल की सजा और 17 जनवरी, 2019 को जर्नलिस्ट रामचंद्र छत्रपति की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. राम रहीम 2017 से ही हरियाणा के रोहतक जिले के सुनारिया जेल में सजा काट रहा है. 6 साल से अधिक के समय में ये कुल मिलाकर आठवां मौका है, जब उसे फरलो मिली है.
पहली बार- 24 अक्टूबर 2020
दूसरी बार- 21 मई 2021
तीसरी बार- फरवरी 2022
चौथी बार- जून 2022
पांचवी बार- अक्टूबर 2022
छठी बार- जनवरी 2023
सातवीं बार- जुलाई 2023
आठवीं बार- नवंबर 2023
गुरमीत राम रहीम सिंह को बार-बार फरलो या पैरोल आखिर कैसे मिल रही है, इसका जवाब जानने से पहले आपको दोनों में अंतर समझना होगा.
दरअसल, पैरोल- उस कैदी को दी जाती है, जिसने अपनी सजा के कम से कम एक साल जेल में गुजारे हो. पैरोल की एक महत्वपूर्ण शर्त ये है कि कैदी जितने भी दिन पैरोल पर रहेगा, वो उसकी सजा की अवधि में नहीं जुड़ेगा. यानी अगर किसी कैदी को एक दिन की पैरोल मिलती है, तो उसे सजा पूरी होने के बाद एक दिन और सजा काटनी होगी.
सवाल ये भी कि आखिर ये कैसे और कौन तय करता है कि कैदी को पैरोल मिलेगी या नहीं? आपको बता दें कि जेल में बंद किस कैदी को पैरोल मिलेगी और किसे नहीं, इसका फैसला राज्य सरकार करती है. पैरोल कैदी के अच्छे आचरण को देखकर भी दिया जाता है. शायद ये एक वजह हो सकती है, जिसके आधार पर राम रहीम को बार-बार पैरोल मिल रही है.
किसी कैदी के पास सजा के दौरान जेल से बाहर आने का दूसरा रास्ता फरलो है. फरलो किसी कैदी को तब मिलती है, जब उसने जेल में कम से कम 3 साल की सजा काट ली हो. राम रहीम अगस्त 2017 से जेल में बंद है. इस लिहाज से अब तक उसने 3 साल से अधिक की सजा काट ली है. शायद इस आधार पर भी राम रहीम को बार-बार फरलो मिल रही है.
दरअसल, राम रहीम के इस बार के 21 दिनों के फरलो पर इसलिए सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होना है. बताया जा रहा है कि फरलो के दौरान राम रहीम यूपी के बागपत जिले में अपने आश्रम में 21 दिन रहेगा. चूंकि राम रहीम राजस्थान के श्रीगंगानगर का रहने वाला है. श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में राम रहीम के काफी अनुयायी हैं. कहा जा रहा है कि उसके फरलो पर आने की वजह से इन दोनों जिलों में वोटिंग पर प्रभाव दिख सकता है. फरलो के दौरान राम रहीम ऑनलाइन अपने अनुयायियों से जुड़ सकता है.
ये अंदेशा इसलिए भी लगाया जा रहा है क्योंकि जब अक्टूबर 2022 में राम रहीम को फरलो मिली थी, तब हरियाणा के आदमपुर में उपचुनाव और पंचायत चुनाव हुए थे. इससे पहले फरवरी में जब उसे फरलो मिली थी, तब पंजाब में विधानसभा चुनाव हुए थे.