Congress Beijing Meeting 2008: 2008 के बीजिंग ओलंपिक को चीन ने वैश्विक मंच पर अपनी ताकत दिखाने के तौर पर पेश किया था. खेलों की चमक-दमक के बीच एक ऐसी मुलाकात हुई, जिसने अब फिर से सियासी हलचल बढ़ा दी है. चीन में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो और उनकी बहनों से मुलाकात की.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों राजनीतिक परिवार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) के न्योते पर ओलंपिक उद्घाटन समारोह में शामिल होने पहुंचे थे. उसी दौरान दोनों पक्षों के बीच करीब 30 मिनट की मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात में सोनिया गांधी ने बेनज़ीर भुट्टो की हत्या पर शोक जताया था. उस वक्त पीपीपी के वरिष्ठ नेता रहमान मलिक ने बयान दिया था, 'यह एक निजी और भावनात्मक भेंट थी, जिसमें किसी भी राजनीतिक मुद्दे पर बातचीत नहीं हुई.' उन्होंने कहा कि यह मुलाकात सिर्फ आपसी संवेदना और परिवारों की पुरानी यादों के तहत हुई थी.
इसी साल ऐसी खबरें भी सामने आई थीं कि कांग्रेस ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर परामर्श शामिल था. हालांकि, इस एमओयू की पूर्ण जानकारी आज तक सार्वजनिक नहीं की गई. इसी प्रकार, रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने भी बाद में CPC के साथ ऐसा ही समझौता किया था, लेकिन उसकी पुष्टि नहीं हुई.
अब 18 साल बाद उस मुलाकात की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिससे यह मामला फिर गर्मा गया है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि भारत-पाक संबंधों के बीच इतनी संवेदनशीलता के बावजूद दोनों देशों के बड़े राजनीतिक चेहरों की गुप्त मुलाकात कैसे और क्यों हुई?
कई सोशल मीडिया यूज़र्स और विश्लेषक कांग्रेस से इस मुलाकात की पारदर्शिता और उद्देश्य पर स्पष्टता मांग रहे हैं. इस बात पर भी ध्यान खींचा जा रहा है कि यह बैठक चीन की सरजमीं पर CPC की मेजबानी में हुई थी, जिसका राजनीतिक निहितार्थ हो सकता है.
कांग्रेस की ओर से इस तस्वीर और उससे जुड़े विवाद पर अब तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है. लेकिन जिस तरह से यह मुद्दा तूल पकड़ रहा है, उससे कांग्रेस पर दबाव बढ़ रहा है कि वह इस मुलाकात की वास्तविकता और उद्देश्य पर देश को जवाब दे.