Qatar Released Navy Veterans: मोदी के 2 'ब्रह्मास्त्र' जयशंकर और डोभाल, कतर से पूर्व नेवी अफसरों के वतन वापसी की Inside Story
Qatar Released Navy Veterans: कतर ने उन 8 पूर्व भारतीय नौसैनिक अधिकारियों को रिहा कर दिया है जिन्हें अक्टूबर में मौत की सजा और फिर दिसंबर में मौत की सजा कम करके कारागार की सजा सुनाई थी. 8 में से 7 भारतीय वापस भी आ गए हैं.
Qatar Released Navy Veterans: कतर की जेल में बंद भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को रिहा कर दिया गया है. 7 अधिकारियों की वतन वापसी भी हो चुकी है. ये भारत के लिए किसी बड़ी कूटनीतिक जीत से कम नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र के कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी से अच्छे संबंध के अलावा भारतीयों की रिहाई में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अहम भूमिका निभाई है. दोनों को पीएम मोदी का ब्रह्मास्त्र कहना गलत नहीं होगा.
पर्दे के पीछे रहकर अजीत डोभाल ने ने 8 पूर्व नौसैनिक अधिकारियों की रिहाई में बड़ा रोल अदा किया. वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय संबंधों के ज्ञाता कहे जाने वाले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पूरा गेम ही पलट दिया.
बीते साल 1 दिसंबर 2023 को पीएम मोदी की मुलाकात कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी से हुई थी. मोदी के ये मुलाकात बहुत थी. उनकी इस मुलाकात के बाद एनएसए अजीत डोभाल ने कई बार कतर की राजधानी दोहा का दौर कर कतर के लीडरशिप को भारत का दृष्टिकोण समझाने में सफल रहे. वहीं,
अक्टूबर में कतर की अदालत ने 8 पूर्व भारतीय नौसैनिक अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई थी. इस खबर ने भारत को हिला कर दिया था. कतर सरकार ने भारतीय अधिकारियों पर लगे चर्चा के बारे में खुलासा भी नहीं किया था. हालांकि, कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये बात निकल कर सामने आई थी कि इन अधिकारियों को जासूसी के आरोप में सजा ए-मौत सुनाई गई है. 1 दिसंबर में पीएम मोदी के कतर के अमीर से मिले थे. इसके बाद ही मौत की सजा को कम कर दिया था.
दुबई में आयोजित हुई COP 28 सम्मेलन में पीएम मोदी ने कतर के अमीर से द्विपक्षीय रिश्तों को लेकर बात की थी. इस मुलाकात के बाद दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों बडा़ परिवर्तन देखने को मिला था.
पिछले महीने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा था कि अभी उनके पास कतर की ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए 60 दिनों का समय है.
विदेश मंत्रालय की लीगल टीम ने कोर्ट के आदेश जिसमें कोर्ट ने बताया था कि कोर्ट ने 28 दिसंबर को भारतीय नौसेना के अधिकारियों की मौत की सजा को कारागार की सजा में परिवर्तित कर दिया था.
इस कहानी को सफल बनाने के लिए भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने कूटनीतिक संबंधों को पुरजोर तरीके से इस्तेमाल किया.