Police Station Arson Case: असम के पुलिस स्टेशन आगजनी मामला में पीड़ित परिवार को असम सरकार की ओर से मुआवजा मिला है. सरकार ने उन 5 परिवारों को 30 लाख रुपये का मुआवजा दिया है, जिनके घरों पर 2 साल पहले बुलडोजर चलाया गया था. दरअसल, नगांव जिले में एक पुलिस स्टेशन में आगजनी का मामला सामने आया था. मामले में 5 परिवारों के लोगों पर शामिल होने का संदेह था. इसके बाद हिंमता सरकार ने बुलडोजर कार्रवाई करते हुए संदिग्धों के घरों पर बुलडोजर चला दिया था.
असम सरकार के वकील ने बुधवार को गुवाहाटी उच्च न्यायालय को मुआवजे का विवरण सौंपा. सीनियर सरकारी वकील डी नाथ ने चीफ जस्टिस विजय बिश्नोई और जस्टिस सुमन श्याम की खंडपीठ को ये भी बताया कि इस्लाम का परिवार अभी तक सर्टिफिकेट नहीं पेश कर पाया है. डॉक्यूमेंट्स मिलने के बाद अधिकारी मुआवजे की राशि को रिलीज करने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे. उन्होंने अदालत को बताया कि नागांव के एसपी ने सोमवार को अन्य पांच परिवारों को मुआवजा भुगतान कर दिया है.
21 मई 2022 को, मछली बेचने वाले इस्लाम को पुलिस ने हिरासत में लिया था. इसके बाद नागांव जिले के सलोनाबारी गांव से निकली भीड़ ने बताद्रवा पुलिस स्टेशन के एक हिस्से में आग लगा दी थी. अगले ही दिन, अधिकारियों ने कथित तौर पर घटना में शामिल पांच परिवारों के घरों को गिरा दिया था. उस समय, पुलिस ने आरोप लगाया कि गिराए गए घर उन लोगों के थे जो अवैध रूप से या जाली दस्तावेजों के साथ वहां बसे थे.
पिछले साल, घरों को गिराए जाने के मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए, हाई कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस आरएम छाया की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा था कि उम्मीद है कि राज्य सरकार अवैध कार्रवाई से प्रभावित लोगों को मुआवजा देगी. फिलहाल, मामले में कोर्ट ने सरकार से मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में भी पूछा है.