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India Daily

'मोदी जी 42 देश घूम लिए, लेकिन मणिपुर जाने की फुरसत नहीं मिली, जहां लोग मर रहे हैं', खड़गे का जोरदार हमला

खड़गे ने कहा, "आपकी डबल असॉल्ट सरकार आज भी मणिपुर को विफल कर रही है. गृह मंत्रालय के शासन के बावजूद हिंसा की घटनाएं रुक नहीं रही हैं."

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Edited By: Sagar Bhardwaj
PM Modi visited 42 countries but did not visit Manipur where people are dying said Kharge in Hyderab

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को हैदराबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 'राजधर्म' का पालन न करने का गंभीर आरोप लगाया. खड़गे ने कहा कि पिछले दो वर्षों में PM मोदी ने 42 देशों का दौरा किया, लेकिन मणिपुर, जहां हिंसा में लोग मर रहे हैं, वहां एक बार भी नहीं गए. उन्होंने कहा, "मणिपुर में हिंसा 3 मई, 2023 से शुरू हुई और आज भी जारी है." 

लोगों को सुरक्षा, संरक्षण देने में विफल रही है मोदी सरकार

खड़गे ने बताया कि मणिपुर में अब तक 260 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, 68,000 लोग विस्थापित हुए हैं, और हजारों लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं. उन्होंने केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, "डबल इंजन सरकार अपने नागरिकों को सुरक्षा और संरक्षण देने के संवैधानिक कर्तव्य में क्यों विफल रही? आपने मुख्यमंत्री को पहले क्यों नहीं हटाया?" उन्होंने आगे कहा, "आपकी डबल असॉल्ट सरकार आज भी मणिपुर को विफल कर रही है. गृह मंत्रालय के शासन के बावजूद हिंसा की घटनाएं रुक नहीं रही हैं."

राष्ट्रपति शासन का विवाद

खड़गे ने आरोप लगाया कि केंद्र ने "अपनी घोर अक्षमता छिपाने के लिए" आधी रात 2 बजे जल्दबाजी में राष्ट्रपति शासन लागू करने का प्रस्ताव पारित किया. उन्होंने कहा कि यह फैसला तब लिया गया जब कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव और बीजेपी के अपने विधायकों की असमंजस की स्थिति ने सरकार को मजबूर किया.

मणिपुर के लिए विशेष पैकेज की घोषणा क्यों नहीं की गई

खड़गे ने पूछा, "गृह मंत्री द्वारा घोषित शांति समिति का क्या हुआ? आपने दिल्ली में भी सभी समुदायों के प्रभावित लोगों से मुलाकात क्यों नहीं की? मणिपुर के लिए विशेष पैकेज की घोषणा क्यों नहीं की गई?" उन्होंने जोर देकर कहा, "मोदी जी, आप एक बार फिर 'राजधर्म' निभाने में विफल रहे." 

आर्थिक नुकसान

पिछले दो वर्षों में मणिपुर की अर्थव्यवस्था को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है. खड़गे ने कहा कि केंद्र द्वारा संसद में लाए गए मणिपुर के लिए अनुदान मांग में सामाजिक खर्चों में कटौती की गई.