menu-icon
India Daily
share--v1

PM मोदी ने मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा स्थापना दिवस पर राज्‍यवासियों को दी शुभकामनाएं, जानें क्या कहा?

पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा को उनके राज्य स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं दीं और पूर्वोत्तर राज्यों की संस्कृति, समृद्ध इतिहास, परंपराओं और उपलब्धियों की सराहना की.

auth-image
Avinash Kumar Singh
PM Modi

हाइलाइट्स

  • मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा स्थापना दिवस
  • राज्‍यवासियों को PM मोदी ने दी शुभकामनाएं

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा को उनके राज्य स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं दीं और पूर्वोत्तर राज्यों की संस्कृति, समृद्ध इतिहास, परंपराओं और उपलब्धियों की सराहना की.

PM मोदी ने एक्स पोस्ट पर लिखा "मणिपुर राज्य दिवस पर राज्य के लोगों को मेरी शुभकामनाएं. मणिपुर ने भारत की प्रगति में एक मजबूत योगदान दिया है. हम राज्य की संस्कृति और परंपराओं पर गर्व करते हैं. मैं मणिपुर के निरंतर विकास के लिए प्रार्थना करता हूं."

पीएम मोदी ने मेघालय को राज्य दिवस की शुभकामनाएं दीं और एक्स पोस्ट पर लिखा "मेघालय के लोगों को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएँ! आज मेघालय की अविश्वसनीय संस्कृति और वहां के लोगों की उपलब्धियों का जश्न मनाने का अवसर है. आने वाले समय में मेघालय प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुए."

पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट पर लिखा "त्रिपुरा के लोगों को दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. यह दिन राज्य के अनूठे इतिहास और समृद्ध विरासत का जश्न मनाए. त्रिपुरा के लोगों की समृद्धि और सद्भाव की कामना करता हूं."

जानें कब बना मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा राज्य? 

मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा को पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम 1971 के तहत 21 जनवरी 1972 को अलग राज्य का दर्जा दिया गया था. मणिपुर और त्रिपुरा एक रियासत थी. अक्टूबर 1949 में दोनों राज्यों को भारत में समाहित कर लिया गया. आजादी के बाद मेघालय असम का हिस्सा था. 1971 के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम के अधिनियमित होने के बाद ये राज्य अस्तित्व में आए. आजादी के 24 वर्षों के बाद भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की सीमाओं में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया और इसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में विभाजित कर दिया गया.

बांग्लादेश की तर्ज पर म्यांमार सीमा पर रुकेगी घुसपैठ

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि सरकार भारत-म्यांमार सीमा पर लोगों की मुक्त आवाजाही को समाप्त कर देगी और इसकी पूरी तरह से बाड़ लगा देगी ताकि इसे बांग्लादेश के साथ देश की सीमा की तरह संरक्षित किया जा सके. मुक्त आवाजाही व्यवस्था सीमा के दोनों ओर रहने वाले लोगों को बिना वीजा के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किमी की यात्रा करने की अनुमति देती है. चार भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर और मिजोरम, म्यांमार के साथ 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं. फरवरी 2021 में पड़ोसी देश में सैन्य तख्तापलट के बाद म्यांमार के 31,000 से अधिक लोगों ने (जिनमें से ज्यादातर चिन राज्य से हैं) मिजोरम में शरण ली है. कई लोगों ने मणिपुर में भी शरण ली है.