PM Modi 75th Birthday: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर अमेरिका से कूटनीतिक तौर पर सकारात्मक संकेत सामने आए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, जो अब तक रूस से तेल आयात और यूक्रेन युद्ध में भारत की भूमिका को लेकर लगातार आलोचना करते रहे थे, उन्होंने अचानक रुख बदलते हुए मोदी को फ़ोन कर जन्मदिन की बधाई दी. यह कदम अंतरराष्ट्रीय राजनीति के बदलते समीकरणों को दर्शाता है, खासकर तब जब ट्रम्प ने हाल ही में भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ भी लगाया था.
ट्रम्प का यह फोन कॉल केवल शुभकामनाओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने भारत की शांति प्रयासों की सराहना भी की. इससे साफ है कि वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका लगातार मजबूत हो रही है और अमेरिका इसे अनदेखा नहीं कर सकता. ऐसे संकेत इस ओर इशारा करते हैं कि आने वाले समय में भारत-अमेरिका संबंधों में नए समीकरण देखने को मिल सकते हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर उन्हें फ़ोन कर बधाई दी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक भावुक पोस्ट भी साझा की. ट्रम्प ने लिखा, "अभी-अभी मेरे मित्र, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फ़ोन पर बहुत अच्छी बातचीत हुई. मैंने उन्हें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं! वे बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. नरेंद्र: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध समाप्त करने में आपके समर्थन के लिए धन्यवाद!" यह बयान ऐसे समय आया है जब ट्रम्प हाल ही में भारत के रूस से तेल आयात को लेकर आलोचना करते रहे थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने संयम और कूटनीतिक परिपक्वता का परिचय देते हुए एक्स पर एक संतुलित प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा, "मेरे मित्र, राष्ट्रपति ट्रंप, मेरे 75वें जन्मदिन पर आपके फ़ोन कॉल और हार्दिक शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद. आपकी तरह, मैं भी भारत-अमेरिका व्यापक और वैश्विक साझेदारी को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हूँ. हम यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में आपकी पहल का समर्थन करते हैं." मोदी का यह संदेश भारत-अमेरिका संबंधों की गहराती मजबूती और वैश्विक शांति प्रयासों में भारत की अहम भूमिका को रेखांकित करता है.
यह आदान-प्रदान केवल जन्मदिन की बधाइयों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वैश्विक कूटनीति के बदलते रुख को भी दर्शाता है. लंबे समय तक आलोचना के बाद ट्रम्प का स्वर नरम होना और भारत के प्रयासों की सराहना करना इस बात का संकेत है कि अमेरिका अब भारत की भूमिका को नजरअंदाज नहीं कर सकता. विशेषज्ञों का मानना है कि इस बातचीत से आने वाले समय में भारत-अमेरिका संबंधों में नए अवसर और सहयोग के रास्ते खुल सकते हैं.