दिल्ली में एक शख्स के कान को पिटबुल कुत्ते ने काट लिया. कुत्ता उसका पालतू था. हालांकि डॉक्टरों ने 11 घंटे की माइक्रोसर्जरी के बाद उसका कान जोड़ा दिया. मरीज के पालतू पिटबुल कुत्ते ने कान का अधिकांश हिस्सा काट लिया था, जिससे कान मात्र 2 मिमी की त्वचा के पुल से लटक रहा था और उसमें से तेज खून बह रहा था. जटिल माइक्रोसर्जिकल प्रत्यारोपण को पूरा होने में 11 घंटे लगे.
फरीदाबाद के अमृता अस्पताल में सर्जरी करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि ये एक जटिल प्रक्रिया थी. डॉक्टरों के अनुसार, फरीदाबाद के रहने वाले मरीज को तुरंत आपातकालीन कक्ष में ले जाया गया, जहां अस्पताल की मेडिकल टीम ने कान में रक्त प्रवाह को फिर से स्थापित करने को प्राथमिकता दी. सर्जरी के दौरान सामने आई चुनौतियों के बारे में बताते हुए प्लास्टिक और पुनर्निर्माण सर्जरी के प्रमुख डॉ मोहित शर्मा ने कहा, कान की वाहिकाएं बहुत छोटी होती हैं, जिनका आकार 0.5 मिमी से भी कम होता है. इसके साथ ही यह तथ्य भी है कि वाहिकाएं फटी हुई थीं और साफ-सुथरी नहीं कटी थीं, जिससे सर्जरी विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण हो गई.
धमनी और शिरा के क्षतिग्रस्त हिस्से को शरीर के दूसरे हिस्से से शिरा के एक छोटे से हिस्से से बदलना पड़ा ताकि अंतर को पाटा जा सके और कान को फिर से एक साथ जोड़ा जा सके. उन्होंने कहा कि 12 मई को हुई सर्जरी में छोटी वाहिकाओं को फिर से जोड़ने के लिए 40X आवर्धन ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप और सुपर-माइक्रोसर्जिकल उपकरणों का उपयोग करना पड़ा. टीम ने 11 घंटे में दो सर्जरी पूरी की, जिसमें पहला ऑपरेशन छह घंटे और दूसरा पांच घंटे तक चला.
प्लास्टिक और पुनर्निर्माण सर्जरी के वरिष्ठ सलाहकार और सहायक प्रोफेसर डॉ देवज्योति गुइन ने कहा कि सर्जरी का सबसे कठिन हिस्सा इतनी छोटी वाहिकाओं में धमनी और शिरा को जोड़ना था. ऑपरेशन के बाद, मरीज आठ दिनों तक अस्पताल में रहा. मरीज ने आभार व्यक्त करते हुए कहा, मेरा कान वापस मिल जाना मेरे अपने हिस्से को वापस पाने जैसा लगता है. मुझे डर था कि मैं जीवन भर के लिए विकृत हो जाऊंगा, लेकिन अमृता अस्पताल के डॉक्टरों ने सुनिश्चित किया कि ऐसा न हो.