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'सिगरेट पीने को फैशनेबल मान सकती हैं किशोर लड़कियां', मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय की नई किताब के कवर पेज का मामला पहुंचा कोर्ट

याचिकाकर्ता ने कहा कि लेखिका और उनकी चाहने वालों की संख्या लाखों में हैं और बड़ी संख्या में लोग उनकी किताबों को पढ़ते हैं, ऐसे में युवका उनकी सिगरेत पीते तस्वीर को देखकर धूम्रपान करने को एक फैशनेबल मान सकते हैं.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Mother Mary Comes to Me Arundhati Roy
Courtesy: x

Mother Mary Comes to Me Arundhati Roy:  केरल हाई कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार से एक जनहित याचिका  (PIL) पर जवाब मांगा, जिसमें मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय की लेटेस्ट किताब 'मदर मैरी कम्स टू मी' के कवर पेज को चुनौती दी गई है, जिसमें लेखिका अरुंधति रॉय का स्वास्थ्य चेतावनी के बिना सिगरेट पीते हुए फोटो छपा हुआ है.

मुख्य न्यायाधीश नितिन जामदार और न्यायमूर्ति बसंत बालाजी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की. याचिका में तर्क दिया गया है कि सिगरेट पीते हुए लेखिका की तस्वीर सिगरेट को बौद्धिक और रचनात्मक लोगों के प्रतीक के रूप में दर्शाती है, जिससे युवा और लड़कियों भ्रमित हो सकते हैं.

कवर पेज से आपत्ति

याचिकाकर्ता ने कहा कि वह किताब के अंदर की सामग्री को चुनौती नहीं दे रहे हैं, उन्हें केवल कवर पेज पर लेखिका की सिगरेट पीते हुए तस्वीर से आपत्ति है.

सिगरेट को फैशनेबल मान सकती हैं लड़कियां

याचिकाकर्ता ने कहा कि लेखिका और उनकी चाहने वालों की संख्या लाखों में हैं और बड़ी संख्या में लोग उनकी किताबों को पढ़ते हैं, ऐसे में युवका उनकी सिगरेत पीते तस्वीर को देखकर धूम्रपान करने को एक फैशनेबल मान सकते हैं.

यह तंबाकू उत्पादों का प्रचार करने के समान

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि पुस्तक के ऊपर यह चित्र धूम्रपान और तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन और प्रचार के समान है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि अरुंधति रॉय एक विश्व स्तर की लेखिका हैं  और युवाओं और किशोर लड़कियों पर उनका गहरा प्रभाव है.