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India Daily

'हमने आतंकियों को चैन से नहीं रहने दिया', ऑपरेशन सिंदूर को लेकर DGMO का बड़ा खुलासा, अरब सागर तक पहुंच चुकी थी नौसेना

Operation Sindoor: DGMO ने बताया कि भारत की मल्टी-लेयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के हमले को रोकने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि हमारे पास कई स्तरों पर सुरक्षा तंत्र है. दुश्मन के हमले का जवाब सटीक और प्रभावी तरीके से दिया गया.

Kanhaiya Kumar Jha
Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
DGMO Rajiv Ghai
Courtesy: Social Media

Operation Sindoor: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान को कड़ा जवाब देते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' अभियान चलाकर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया था. मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के 100 से अधिक लोग हताहत हुए. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान ने संघर्ष जारी रखा होता तो उसका और अधिक नुकसान होता ये विनाशकारी साबित हो सकता था.

'पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ी'

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि उनकी तरफ से दिए गए मरणोपरांत पुरस्कारों की संख्या से हमें अब यह पता चलता है कि नियंत्रण रेखा पर उनके हताहतों की संख्या भी 100 से अधिक थी. नियंत्रण रेखा पर कार्रवाई की गई और हम इसके लिए तैयार थे. अगर उन्होंने थोड़ी देर और लड़ाई जारी रखी होती तो परिणाम उनके लिए विनाशकारी होते. उन्होंने बताया कि भारतीय नौसेना पहले ही अरब सागर तक पहुंच चुकी थी और पूरी कार्रवाई के लिए तैयार थी. इस दौरान भारतीय वायुसेना ने भी सटीक हवाई हमले किए.

पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों के अंत को लेकर कही ये बात

ले. जनरल घई ने पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों के अंत को लेकर अहम बात भी बताई. लेफ्टिनेंट ने कहा कि हमें 96 दिन लग गए लेकिन हमने उन्हें चैन से नहीं रहने दिया. जब इन तीनों को ढूंढा गया और उनका मेडिकल टेस्ट किया गया तो ऐसा लग रहा था जैसे वे दौड़ते-भागते थक गए हों और वे बहुत कुपोषित भी लग रहे थे. अक्सर लोग पलटकर हमसे पूछते हैं कि वे कहां गायब हो गए हैं. लेकिन कभी-कभी यह भूसे के ढेर में सुई ढूंढने जैसा होता है.

दरअसल यह कार्रवाई पहलागाम आतंकी हमले के बाद की गई थी. जांच में सामने आया कि यह हमला पाकिस्तान से प्रायोजित और योजनाबद्ध था. इसके जवाब में भारत ने सीमित लेकिन रणनीतिक सैन्य कार्रवाई की. ऑपरेशन सिंदूर ने यह दिखाया कि भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए हर स्तर पर तैयार है. रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक यह कार्रवाई सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद सबसे बड़ी और निर्णायक सैन्य प्रतिक्रिया मानी जा रही है.