उत्तर प्रदेश की गोसाईंगंज विधानसभा सीट से विधायक अभय सिंह का एक बयान खूब वायरल हो रहा है. एक वीडियो में अभय सिंह कह रहे हैं कि आज की तारीफ में धनंजय सिंह नॉर्थ इंडिया का सबसे बड़ा डॉन है. हाल ही में पाला बदलने और वाई कैटगरी की सुरक्षा पाने वाले अभय सिंह ने कहा था कि लॉरेन्स बिश्नोई ने उन पर हमला करवाया था. अब उनका कहना है कि यह हमला धनजंय सिंह की वजह से करवाया गया था. लोगों के लिए यह बयान बेहद हैरान करने वाला है क्योंकि एक समय ऐसा भी था जब धनजंय सिंह और अभय सिंह बेहद करीबी दोस्त हुआ करते थे. इतना ही नहीं, अपराध की दुनिया में दोनों का नाम भी एकसाथ ही उछलना शुरू हुआ था.
धनजंय सिंह जौनपुर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद रह चुका है. अब धनजंय को अपहरण और फिरौती मामले में सात साल की सजा हो चुकी है. हालांकि, हाई कोर्ट ने धनंजय सिंह को जमानत दे दी थी. दूसरी तरफ, सपा के टिकट पर जीते और पुराने सपाई रहे धनजंय सिंह अब बीजेपी के साथ नजर आ रहे हैं. राज्यसभा चुनाव के साथ बगावत करने वाले सपा विधायकों में शामिल रहे अभय सिंह इन दिनों जौनपुर में बीजेपी प्रत्याशी कृपाशंकर सिंह के समर्थन में प्रचार कर रहे हैं.
जगह थी लखनऊ यूनिवर्सिटी और समय था 90 के दशक का. छात्र राजनीति करने वाले धनंजय सिंह, अभय सिंह और अरुण उपाध्याय की तिकड़ी पूरी यूनिवर्सिटी में मशहूर थी. उस समय इसी तिकड़ी ने साल 1994 में अरुण उपाध्याय को महामंत्री को चुनाव लड़ाया. अरुण चुनाव तो हार गए लेकिन इस तिकड़ी का नाम आपराधिक मामलों में आने लगा. नया-नया खून इस तरह उबाल मार रहा था कि धनंजय और अभय सिंह ने उस समय रेलवे के ठेकों पर राज करने वाले माफिया अजीत सिंह को चुनौती दे डाली. नतीजा ये हुआ कि इन दोनों को भी रेलवे के ठेकों में कट मिलने लगा और दोनों का मन बढ़ने लगा.
सपा विधायक व बाहुबली अभय सिंह ने धनंजय सिंह को नॉर्दर्न इंडिया का सबसे बड़ा डॉन बताया है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अभय सिंह कह रहे हैं कि धनंजय सिंह को कोई खतरा नहीं, लोगों को उससे खतरा है।#IndiaDailyLive #DhananjaySingh #AbhaySingh @yadavakhilesh… pic.twitter.com/VbK6STEwVr
— India Daily Live (@IndiaDLive) April 29, 2024
ठेकेदारी में दोनों आगे बढ़ने लगे और खूब कमाई होने लगी. मनीष सिंह नाम के एक शख्स को लखनऊ में एक बड़ा ठेका मिल गया. मनीष सिंह, अभय के करीबी थे. धनंजय की चाहत थी कि इस ठेके में उसका भी एक पार्टनर हो लेकिन अभय ने इससे इनकार कर दिया. कुछ दिन बाद मनीष सिंह की हत्या कर दी गई. आरोप लगा धनंजय सिंह पर और दोस्ती में दरार पड़ने लगी.
साल 1996 में अभय सिंह की गिरफ्तारी हुई. दबिश बढ़ी तो धनंजय सिंह फरार हो गया. हालांकि, कट का पैसा आता रहा लेकिन अभय के जेल जाने के चलते उसका कट कम हो गया. अभय सिंह के लोग उस समय आरोप लगा रहे थे कि धनंजय सिंह ज्यादा पैसे अपने पास रख रहा है. दोस्ती में आई दरार उस वक्त खाई में बदल गई जब अभय सिंह के रिश्तेदार संतोष सिंह की हत्या कर दी. कुछ पुलिस अधिकारी बताते हैं कि इस हत्या में अतीक अहमद के खास गुर्गे गुड्डू मुस्लिम की भूमिका थी. कहा जाता है कि जौनपुर का रहने वाला गुड्डू मुस्लिम उस वक्त धनंजय का भी करीबी हुआ करता था.
बताया जाता है कि उस समय सतेंद्र सिंह उर्फ लंगड़ एक बड़ा ठेकादार हुआ करता था और वह धनंजय का करीबी था. सतेंद्र सिंह की हत्या का बदला लेने के लिए ही संतोष सिंह की जान ले ली गई थी. इस तरह से कॉलेज की दोस्ती दुश्मनी में बदल गई. बीच में अभय सिंह जेल में रहा तो धनंजय सिंह के एक एनकाउंटर में मारे जाने की खबरें भी आईं. हालांकि, बाद में यह एनकाउंटर फर्जी निकला. धीरे-धीरे ये दोनों राजनीति में भी सक्रिय हो गए.
पुरानी अदावत दोनों के सीने में आग की तरह जल रही थी. आग ऐसी कि दोनों एक-दूसरे की जान लेने पर उतारू थे. 4 अक्टूबर 2002 को धनंजय सिंह के काफिले पर वाराणसी के टकसाल सिनेमा के पास हमला हुआ. दोनों तरफ से ताबड़तोड़ फायरिंग हुई. इसमें धनंजय सिंह भी घायल हुआ.
साल 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान गिरफ्तार किए गए लॉरेन्स बिश्नोई गैंग के शूटर दिव्यांग शुक्ला ने बताया कि अभय सिंह की हत्या का प्लान था. अब जेल जाने के बाद धनंजय सिंह की पत्नी का कहना है कि धनंजय को जेल में खतरा है. बता दें कि धनंजय की पत्नी श्रीकला रेड्डी बसपा के टिकट पर जौनपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ रही हैं.
अब धनंजय सिंह के बारे में अभय सिंह ने कहा है, 'धनंजय सिंह आज की तारीफ में उत्तर भारत का सबसे बड़ा डॉन है. चाहे राजस्थान हो, पंजाब हो, हरियाणा हो, यूपी हो उससे बड़ा डॉन कोई नहीं है. उसको किसी से खतरा नहीं है, लोगों को उससे खतरा है. उसके खिलाफ तो हाई कोर्ट ने टिप्पणी की है. 2018 में कोर्ट ने कहा है कि ऐसे आदमी को जेल से बाहर रहने का कोई अधिकार नहीं है, राज्य सरकार इसकी बेल कैंसल कराए. हाई कोर्ट के उस आदेश के बाद धनंजय सिंह के खिलाफ चार-पांच मुकदमे दर्ज हुए हैं.'