Jan Vishwas Bill 2.0: सरकार सोमवार यानी आज लोकसभा में ‘जन विश्वास विधेयक, 2025’ पेश करने जा रही है. इस बिल का उद्देश्य देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग को और मजबूत करना है. आज सदन में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इस बिल को पेश करेंगे. यह कदम जन विश्वास ढांचे के तहत दूसरा बड़ा सुधार है, इससे पहले 2023 में पहला कानून लागू किया गया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कहा था कि देश में आज भी कई ऐसे पुराने कानून मौजूद हैं, जिनके तहत मामूली मामलों में भी जेल की सजा का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि यह अन्यायपूर्ण व्यवस्था अब खत्म की जाएगी. पीएम ने कहा था कि पहले भी हमने ये बिल संसद में लाया था लेकिन अब दोबारा इसे पेश किया जा रहा है ताकि बेवजह जेल भेजने वाले कानून समाप्त किए जा सकें.
इस विधेयक के तहत करीब 300 छोटे अपराधों को डिक्रिमिनलाइज किया जाएगा. यानी पहली गलती पर किसी को सजा नहीं दी जाएगी, बल्कि सुधार नोटिस जारी होगा. अगर वही गलती दोबारा होती है, तो जुर्माना लगाया जाएगा. यह जुर्माना उतना ही होगा जितना जन विश्वास कानून 1.0 में था. 2023 के संस्करण में 42 अधिनियमों की 183 धाराओं में संशोधन कर कई अपराधों को गैर-आपराधिक घोषित किया गया था.
संसदीय कार्यसूची के अनुसार, इस विधेयक को पेश करने के बाद संभव है कि इसे लोकसभा की चयन समिति को भेजा जाए. समिति को अगले सत्र के पहले दिन तक अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया जाएगा. जन विश्वास पहल का मकसद लोगों और व्यवसायों पर से अनावश्यक अनुपालन का बोझ कम करना, पुराने और अप्रासंगिक दंडात्मक प्रावधानों को हटाना और भरोसे पर आधारित शासन को बढ़ावा देना है.
अधिकारियों ने इसे निवेश माहौल सुधारने और सरकार की ‘विकसित भारत 2047’ की दृष्टि से जोड़कर देखा है. इसके अलावा सरकार सोमवार को भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025 भी सदन में पेश करेगी. वहीं, संसद में भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) यात्रा पर विशेष चर्चा भी आयोजित की जाएगी.