Compensation to Central Security Force personnel: भारत की सुरक्षा और अखंडता की रक्षा में केंद्रीय सुरक्षा बल (CAPF) के जवान अहम भूमिका निभाते हैं. दुर्भाग्यवश, अपने कर्तव्य पालन के दौरान कई जवान अपने प्राणों का बलिदान कर देते हैं. इन वीर सपूतों के परिवारों के लिए सरकार की ओर से कई कल्याणकारी योजनाएं हैं. इसी को लेकर डॉ अजीत माधव राव गोपचड़े ने राज्यसभा में केंद्रीय सुरक्षा बल जवानों के बलिदान और उनके परिवारों का पुनर्वास के लिए मिलने वाली सुविधाओं को लेकर एक लिखित जवाब मांगा था.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने अब इसी सवाल का जवाब दिया है और 2021 से 2023 के बीच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और असम राइफल्स के शहीदों और उनके परिवार को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में बताया है.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और असम राइफल्स के कुल 2,463 सुरक्षा कर्मियों ने 2021 और 2023 के बीच ड्यूटी पर अपनी जान गंवाई. उनमें से 112 की मौत कार्रवाई में हुई जबकि 2,351 की मौत ड्यूटी पर हुई (कार्रवाई में मारे गए लोगों को छोड़कर). ये जवान विभिन्न क्षेत्रों में तैनात थे और आतंकवाद, नक्सलवाद, सीमा सुरक्षा जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे थे. इन वीर सपूतों के परिवारों के लिए सरकार ने कई तरह की सहायता और सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास किया है.
क) पिछले तीन वर्षों के दौरान ड्यूटी पर अपने प्राण न्योछावर करने वाले केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों की संख्या?
पिछले तीन वर्षों के दौरान केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPFs) और असम राइफल्स के जवानों के राज्यवार शहीद होने वालों की संख्या की जानकारी देते हुए बताया कि ड्यूटी के दौरान मरने वाले कुल जवानों की संख्या 2351 रही तो वहीं पर कार्रवाई के दौरान शहीद होने वाले सैनिकों की संख्या 112 रही. कार्रवाई के दौरान सबसे ज्यादा शहीद होने वाले जवानों में जम्मू-कश्मीर का नाम सबसे ऊपर रहा जहां 24 जवान शहीद हुए तो वहीं छत्तीसगढ़ (23) और पश्चिम बंगाल (14) भी टॉप 3 में शामिल रहे. वहीं ऑन ड्यूटी शहीद होने वाले जवानों की बात करें तो इसमें भी जम्मू कश्मीर (238), पश्चिम बंगाल (230) का नाम शामिल है तो वहीं मणिपुर (199) तीसरे पायदान पर काबिज है.
शहीद जवानों के परिवारों को कई तरह की आर्थिक सहायता और सुविधाएं प्रदान की जाती हैं. इनमें से प्रमुख हैं:
मुआवजा राशि में वृद्धि: सरकार ने हाल ही में शहीद जवानों के परिवारों को मिलने वाली एकमुश्त मुआवजा राशि में वृद्धि की है. केंद्रीय एकमुश्त मुआवजा राशि को सक्रिय ड्यूटी पर मृत्यु के मामले में 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 35 लाख रुपये कर दिया गया है और ड्यूटी पर मृत्यु के मामले में 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है.
असाधारण परिवार पेंशन: शहीद जवान के परिवार को केंद्रीय सिविल सेवा (असाधारण पेंशन) नियम, 2023 के तहत उदारवादी परिवार पेंशन का लाभ मिलता है.
अन्य सेवा लाभ: इसके अलावा, परिवार को मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति उपहार, अवकाश नकदीकरण, बीमा कवर, भविष्य निधि आदि जैसे अन्य लाभ भी मिलते हैं.
जोखिम/कल्याण कोष: संबंधित बल के जोखिम/कल्याण कोष/उपकारी कोष के मानदंडों के अनुसार से भी अतिरिक्त आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है.
जनता का सहयोग: 'भारत के वीर' पोर्टल के माध्यम से ऐसे कर्मियों के नाम अपलोड करके जनता से 25 लाख रुपये तक का जनता से भी सहयोग जुटाया जाता है. यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि बहादुर CAPF कर्मियों के परिजन जिन्होंने अपने जीवन का बलिदान दिया है, उन्हें विभिन्न स्रोतों से कम से कम 1 करोड़ रुपये प्राप्त हों. विवाहित मृतक कर्मियों के माता-पिता को 'भारत के वीर' कॉर्पस से 10 लाख रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता और ऐसे CAPF कर्मियों को 10 लाख रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता, जो ड्यूटी के दौरान घायल हो गए और ऐसी चोटों के कारण सेवा से बाहर हो गए.
शहीद के परिवार को मिलने वाले अन्य लाभ: इसके अलावा, शहीद जवान के बच्चों को शिक्षा, रोजगार आदि में भी विशेष सुविधाएं प्रदान की जाती हैं जिसमें ऑपरेशनल कैजुअल्टी सर्टिफिकेट' जारी करना, जो आश्रितों को कुछ लाभों जैसे कि हवाई और रेल यात्रा किराया छूट और खुदरा पेट्रोलियम आउटलेट का आवंटन आदि के लिए अधिकृत करता है. सरकार के निर्देशों के अनुसार योग्य आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति, एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए वार्डों के लिए कोटा, प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना (PMSS) के तहत लड़कियों के लिए 3000 रुपये प्रति माह और लड़कों के लिए 2500 रुपये प्रति माह की छात्रवृत्ति का भुगतान और कुछ राज्यों/संघ शासित प्रदेशों द्वारा अपने नियमों के अनुसार मुआवजा/सहायता का भुगतान प्रदान करना है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शहीद जवानों के परिवारों के कल्याण के लिए जिसमें रिटायर्ड CAPFs कर्मियों और उनके परिवारों, मृत/विकलांग कर्मियों के आश्रित भी शामिल हैं के कल्याण और पुनर्वास बोर्ड (WARB) की स्थापना की है. यह बोर्ड राज्य स्तर पर राज्य कल्याण अधिकारी (SWO) और जिला स्तर पर जिला कल्याण अधिकारी (DWO) के माध्यम से काम करता है. इन अधिकारियों का मुख्य काम शहीद परिवारों की समस्याओं का समाधान करना है.