समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन ने आज सदन में कुछ ऐसा कह दिया जिसको लेकर हंगामा हो गया. खुद सदन के सभापति और देश के राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भड़क गए और कहा कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की आलोचना बर्दाश्त नहीं करेंगे. इससे पहले सपा के सांसद रामजी लाल सुमन ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधते हुए कहा था कि इनके लिए पैमाना यही है कि सामने वाला शख्स आरएसएस से है या नहीं है. इस पर जगदीप धनखड़ ने कहा कि हम इसे राजनीतिक नहीं होने दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि आप इस तरह से बोलेंगे तो यह रिकॉर्ड में नहीं जाएगा.
इससे पहले सदन में बोलने खड़े हुए रामजी लाल सुमन ने कहा, 'सभापति महोदय इसके जो चेयरमैन हैं, वही कई राज्यों के सर्विस कमीशन के चेयरमैन हैं. समय-समय पर उनकी सिफारिश आरएसएस के विरोधी करते रहे हैं, ऐसी खबर इंडियन एक्सप्रेस में छपी थी. जहां तक मेरा अनुभव है, इनके लिए व्यक्ति को मापने का मापदंड कोई और नहीं है, बस यही है कि वह व्यक्ति आरएसएस का मेंबर है या नहीं.' इसी पर जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह पहले भी आरएसएस के बारे में इस सदन में बोल चुके हैं.
इस पर कांग्रेस के अध्यक्ष और राज्यसभा के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी खड़े हो गए. खड़गे ने कहा, 'मैं आपकी बहुत इज्जत करता हूं. आप इस सदन के गार्जियन हैं. जो सदस्य नियम के तहत बोल रहा है, जब तक वह नियमों का उल्लंघन नहीं करता, तब तक उसको टोकना ठीक नहीं है. जो ये कह रहे हैं, वह सच कह रहे हैं. जब सच कह रहे हैं तो वह उत्तर देंगे.' इस पर जगदीप धनखड़ ने कहा कि ठीक है, आपका प्वाइंट ले लिया है. खड़गे को जवाब देते हुए धनखड़ ने कहा कि अगर कोई सदस्य नियमों के मुताबिक बोल रहा है तो मैं हस्तक्षेप नहीं करूंगा और इस बात से मैं सहमत हूं लेकिन यहां ये सदस्य नियमों का उल्लंघन नहीं कर रहे थे, वह संविधान के साथ खिलवाड़ कर रहे थे.
जगदीप धनखड़ ने आगे कहा, 'आरएसएस एक संस्था है जो एक उच्च स्तरीय थिंकटैंक है. हमें संविधान में भरोसा करना होगा. हर संस्था को अधिकार है. मैं ऐलान करता हूं कि माननीय सदस्य ने न सिर्फ नियमों का बल्कि देश के संविधान का उल्लंघन किया है. आप इसे राजनीतिक मुद्दा बना सकते हैं लेकिन मैं इस पर आपत्ति जताता हूं. RSS को पूरा हक है कि वह देश की प्रगति में अपना योगदान दे.'
सांसदों को नसीहत देते हुए जगदीप धनखड़ ने कहा, 'RSS एक ऐसी संस्था है जिसे पूरे संवैधानिक अधिकार हैं कि वह देश की विकास यात्रा में हिस्सा ले सके. इस संस्था में अभूतपूर्व क्षमताएं हैं, इसमें ऐसे लोग हैं जो बिना किसी स्वार्थ के देश की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं. ऐसे में मैं माननीय सदस्य को ऐसे मुद्दे उठाने की अनुमति नहीं दे सकता हूं. देश की 140 करोड़ जनता को देश के विकास में हिस्सा लेना है. RSS देश के विकास और संस्कृति के लिए अपना योगदान दे रहा है.'