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India Daily

अमेरिका से व्यापार समझौता, जीएसटी में राहत और ऊर्जा क्षेत्र में बड़े बदलाव की तैयारी में मोदी सरकार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौते में कृषि और डेयरी जैसे विषयों में अत्यधिक सतर्कता बरती गई है. उन्होंने निवेश, जीएसटी, ऊर्जा और श्रम सुधारों पर भी सरकार की आगामी योजनाओं का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जीएसटी दरों को सरल और कम करने पर विचार चल रहा है और निजी क्षेत्र के निवेश में हाल के महीनों में सुधार देखने को मिला है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
Nirmala Sitharaman
Courtesy: WEB

भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है. 9 जुलाई की समयसीमा नजदीक आने के साथ ही सरकार ने संकेत दिए हैं कि वह अमेरिका के साथ खुले मन से समझौता करना चाहती है, लेकिन साथ ही कृषि और डेयरी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को लेकर सख्त रुख अपनाया गया है, ताकि किसानों और पशुपालकों के हितों की रक्षा की जा सके.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त मंत्री ने कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर बातचीत सकारात्मक दिशा में है, लेकिन कृषि और डेयरी क्षेत्र पर सरकार का सख्त रवैया है. इन क्षेत्रों को लेकर सरकार कोई समझौता नहीं करेगी क्योंकि ये सीधे भारत के किसानों और पशुपालकों से जुड़े हैं. उन्होंने कहा, "हम एक बड़ा और अच्छा समझौता चाहते हैं, लेकिन अपने हितों से समझौता नहीं करेंगे."

निजी निवेश और आर्थिक सुधारों पर जोर

सीतारमण ने कहा कि हाल के छह महीनों में निजी निवेश में स्पष्ट सुधार देखा गया है और कंपनियां अब कैपेसिटी विस्तार की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं. उन्होंने कहा कि सरकार "दूसरी पीढ़ी के सुधारों" पर काम कर रही है, जिनमें बैंकों की स्थिति सुधारना और न्यूक्लियर एनर्जी में निजी निवेश को प्रोत्साहित करना शामिल है. उन्होंने कहा कि जीएसटी की दरों को सरल और औसत दर को कम करने की दिशा में काम चल रहा है.

ऊर्जा, निर्यात और श्रम कानूनों पर सरकार की रणनीति

सीतारमण ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में भारत को अपनी बुनियादी जरूरतें बढ़ानी होंगी, जिसके लिए छोटे न्यूक्लियर रिएक्टर की योजना बनाई जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार अतिरिक्त समर्थन देगी क्योंकि कई स्थानीय कर अभी भी निर्यात में पूरी तरह से न्यूट्रल नहीं हुए हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि तीन श्रम संहिताओं पर सरकार पीछे नहीं हटेगी और राज्य इन पर तेजी से काम कर रहे हैं.

बैंकिंग और जीएसटी ढांचे में सुधार

वित्त मंत्री ने माना कि बैंकों के डिपॉजिट रेट्स में पहले जैसी वृद्धि नहीं हो रही है, क्योंकि रिटेल निवेशक तेजी से स्टॉक मार्केट की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल को एक ऐसा ढांचा बनाना चाहिए जो सरल और पालन में आसान हो, जिससे राजस्व में बढ़ोतरी हो और उपभोक्ता खपत को भी प्रोत्साहन मिले.