गुवाहाटी: असम के मशहूर गायक जुबिन गर्ग की रहस्यमयी मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने शुक्रवार को गुवाहाटी की चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट में 3500 पेज की मोटी चार्जशीट दाखिल की. इसमें चार लोगों पर हत्या का सीधा आरोप लगाया गया है. एसआईटी ने करीब 300 गवाहों के बयान दर्ज किए और सिंगापुर जाकर सबूत जुटाए हैं.
चार्जशीट के मुताबिक उत्तरी-पूर्वी भारत फेस्टिवल के चीफ ऑर्गेनाइजर श्यामकानू महंता, गायक के सेक्रेटरी सिद्धार्थ शर्मा और बैंड मेंबर्स शेखर ज्योति गोस्वामी व अमृतप्रभा महंता पर हत्या का आरोप है. इन पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103 के तहत साजिश रचकर जुबिन की हत्या करने का इल्जाम लगाया गया. इनकी कथित साजिश में फाइनेंशियल और ऑपरेशनल लिंक भी सामने आए हैं.
जुबिन के चचेरे भाई और सस्पेंडेड असम पुलिस अधिकारी संदीपन गर्ग पर धारा 105 के तहत गैर-इरादतन हत्या (कुल्पेबल होमिसाइड) का आरोप है. जबकि उनके दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर्स नंदेश्वर बोरा और प्रवीण बैश्या पर धारा 31सी के तहत आपराधिक विश्वासघात का केस दर्ज है. इन पर जुबिन के पैसे और प्रॉपर्टी का गबन करने का शक है. कुल सात लोग गिरफ्तार हो चुके हैं.
जुबिन गर्ग 19 सितंबर 2025 को सिंगापुर में नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के ब्रांड एंबेसडर के तौर पर गए थे. वहां यॉट पार्टी के दौरान समुद्र में तैरते हुए बेहोश हो गए और डूबने से मौत हो गई. सिंगापुर पुलिस ने शुरुआत में इसे हादसा बताया और फाउल प्ले की आशंका नकार दी. लेकिन असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने इसे साफ हत्या करार दिया.
विधानसभा में उन्होंने कहा, 'एक ने मारा, बाकी ने मदद की. चार्जशीट असम को झकझोर देगी.' एसआईटी ने जुबिन का मोबाइल, दवाइयां और सूटकेस जैसे सबूत भी कोर्ट में पेश किए. केस नंबर 18/2025 (हत्या/साजिश) और 25/2025 (प्रॉपर्टी) के तहत बीएनएस की धाराएं 61(2) (क्रिमिनल कांस्पिरेसी), 105 (कुल्पेबल होमिसाइड) व 106 (लापरवाही से मौत) लगाई गईं.
धारा 208 के तहत विदेश में हुए अपराध की जांच भी शामिल है. जुबिन गर्ग असम के सांस्कृतिक आइकॉन थे. उनकी मौत ने पूरे नॉर्थ-ईस्ट को गमगीन कर दिया। फैंस अब न्याय की उम्मीद कर रहे हैं.