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Mumbai Rain: बारिश से बेहाल मुंबईकर! सड़क पर सैलाब, मेट्रो में घुसा पानी, सोशल मीडिया पर 'SOBO' जमकर हो रहा ट्रोल

दक्षिण-पश्चिम मानसून के समय से पहले दस्तक देने के बाद मुंबई सोमवार को भारी बारिश की चपेट में आ गई. सड़कों पर जलभराव, बाजारों में पानी, और फंसे हुए वाहनों ने शहर की जिंदगी को थाम सा दिया.

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Edited By: Garima Singh
Mumbai Rain
Courtesy: X

Mumbai Rain: दक्षिण-पश्चिम मानसून के समय से पहले दस्तक देने के बाद मुंबई सोमवार को भारी बारिश की चपेट में आ गई. सड़कों पर जलभराव, बाजारों में पानी, और फंसे हुए वाहनों ने शहर की जिंदगी को थाम सा दिया. सोशल मीडिया, खासकर एक्स, पर मुंबईकरों ने जलमग्न दक्षिण मुंबई (सोबो) की तस्वीरें और वीडियो शेयर कर तंज कसा. 

दक्षिण मुंबई, जो अपनी चमक-दमक और ऊंची कीमतों के लिए जानी जाती है, बारिश में डूब गई. सड़कों पर गड्ढे, पानी में फंसे वाहन, और जलमग्न बाजारों के दृश्य सोशल मीडिया पर छाए रहे. एक एक्स यूजर ने तंज कसते हुए लिखा, "यहां 1 BHK का किराया 1 लाख रुपये प्रति माह है, SoBo में आपका स्वागत है!" साथ में शेयर किए गए वीडियो में दक्षिण मुंबई की सड़कों पर पानी का सैलाब और उसमें रेंगते वाहन दिखाई दिए. एक अन्य वीडियो में, कोलाबा और दादर जैसे इलाकों में घुटनों तक भरे पानी के बीच एक व्यक्ति अस्थायी नाव पर तैरता नजर आया. कैप्शन था, "मुंबईकर ऑफ़िस जाते हुए". भिंडी बाजार, मोहम्मद अली रोड, और जेजे सिग्नल जैसे इलाके में जलभराव की स्थिति गंभीर रही. 

सरकार और बीएमसी पर सवाल

सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने सरकार और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) की तैयारियों पर सवाल उठाए. एक यूजर ने जलमग्न सड़कों का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था लेकिन जलभराव, दयनीय सड़कें और बीएमसी ने सभी के ऑफिस के लिए निकल जाने के बाद घर पर सुरक्षित रहने के लिए अलर्ट जारी किया. जीडीपी का क्या मतलब है? करों का क्या मतलब है?" 

मेट्रो लाइन 3 पर संकट

भारी बारिश ने मुंबई मेट्रो लाइन 3 को भी प्रभावित किया. आचार्य अत्रे चौक और वर्ली के बीच भूमिगत स्टेशन में जलभराव के कारण सोमवार को परिचालन स्थगित कर दिया गया. मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एमएमआरसी) ने बताया कि नवनिर्मित आचार्य अत्रे चौक स्टेशन में बाढ़ का पानी घुस गया, जिससे सेवाएं रोकनी पड़ी. 

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में स्टेशन के अंदर पानी भरा हुआ दिखा. प्लेटफॉर्म, टिकट काउंटर, सीढ़ियां, और सर्कुलेशन ज़ोन तक प्रभावित थे. एक वीडियो में एस्केलेटर से पानी रिसता हुआ और फॉल्स सीलिंग ढहने का दृश्य दिखा. इस घटना ने 33 किलोमीटर लंबे कोलाबा-बीकेसी-आरे मेट्रो कॉरिडोर की गुणवत्ता और मानसून तैयारियों पर सवाल खड़े किए. 

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