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सरोगेट मदर्स पर मेहरबान मोदी सरकार, मैटरनिटी लीव की सीमा बढ़ी, क्या हैं नए बदलाव?

Maternity Leave Rules: केंद्र की मोदी सरकार ने महिलाओं को खास तोहफा दिया है. अभी तक सरोगेसी से मां बनने पर सरकार महिला कर्मचारी के लिए सरकार से मान्यता मिलने के बाद भी अवकाश का कोई प्रावधान नहीं था. 18 जून को केंद्र की ओर से जारी अधिसूचना में इन महिलाओं के लिए छुट्टियों का प्रावधान किया गया है. इस नए संशोधन में पिता के लिए भी छुट्टी का प्रावधान किया गया है.

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Edited By: India Daily Live
Maternity Leave Rules
Courtesy: India Daily Live

Child Care Leave Rules: बढ़ते विज्ञान के प्रभाव और तकनीक ने लोगों के जीवन में आगे बढ़ने का विकल्प दिया है. इससे खुशियों में इजाफा हुआ है. हालांकि, लोगों और सरकारों को इन्हें अपनाने में वक्त लगता है. ऐसा ही एक विज्ञान का आविष्कार सरोगेसी है. इसके जरिए सभी को माता-पिता बनने का सुख मिला है. भारत में भी इसे साल 2002 में मान्यता दे दी गई. हालांकि, इस तरह से मां बनने वाली सरकारी कर्मचारी को किसी तरह के लाभ नहीं मिलते थे. इसे दूर करते हुए मोदी सरकार ने महिलाओं को तोहफा दिया है. अब सरोगेट मां को भी छुट्टियों का लाभ मिलेगा.

केंद्र सरकार ने 18 जून को इस संबंध में आदेश जारी किया है. इसमें केंद्र सरकार ने केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 1972 में संशोधन किया है. नए नियम में सरोगेसी से गुजरने वाली सरकारी कर्मचारी के लिए मातृत्व अवकाश और पिता के लिए पितृत्व अवकाश का प्रावधान है.

चाइल्ड केयर लीव नियम

केंद्र सरकार के द्वारा केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश ) नियम, 1972 में बदलाव करने के बाद सरोगेट माताओं और उन बच्चों को गोद लेने वाले माता-पिता को भी चाइल्ड केयर लीव मिल सकेगी. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने 18 जून को इसके संबंध में अधिसूचना जारी की है. इसमें कहा गया है कि सरकारी कर्मचारी सरोगेसी करवा रही है और उसके दो से कम बच्चे हैं तो वो 180 दिन का मातृत्व अवकाश पाने की हकदार होगी. पिता को भी 15 दिनों की छुट्टी दी जाएगी. जारी नियमों के अनुसार, यह छुट्टी बच्चे के जन्म के 6 महीने के अंदर ही ली जा सकेगी.

2002 में मिली थी मान्यता

भारत में सरोगेसी को 2002 में तो कानूनी मान्यता दी गई थी. हालांकि, तब से लेकर 2022 तक इसके लिए कोई खास नियम नहीं बनाए गए थे. 2022 में सरकार ने इसमें ध्यान दिया और सरोगेसी के लिए नियम बनाए गए. उसके बाद फरवरी 2024 में सरकार ने इन नियमों में संशोधन किया. इसमें ये भी जोड़ा गया है कि शादीशुदा कपल (अगर किसी एक साथी को कोई बीमारी है) डोनर से एग या स्पर्म ले सकते हैं.