नई दिल्ली: EPFO ने Employees’ Pension Scheme, 1995 के तहत लगभग 99 प्रतिशत उच्च पेंशन आवेदन निपटाए हैं. सरकार पेंशनरों को न्यूनतम 1,000 रुपये मासिक देने के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य की वित्तीय जिम्मेदारियों को ध्यान में रख रही है.
केंद्र सरकार ने संसद में जानकारी दी कि Employees’ Pension Scheme (EPS), 1995 के तहत पेंशन में वृद्धि के लिए जमा किए गए लगभग सभी आवेदन EPFO द्वारा निपटाए जा चुके हैं. राज्य मंत्री श्रम एवं रोजगार शोभा करंदलाजे ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, यह प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूरी की गई. सरकार ने पेंशनभोगियों को न्यूनतम 1,000 रुपये मासिक देने की प्रतिबद्धता दोहराई और सभी लाभ सुनिश्चित करने का भरोसा दिया.
EPFO ने पेंशन बढ़ाने के लिए 17.49 लाख आवेदन प्राप्त किए, जिनमें से लगभग 15.24 लाख आवेदन नियोक्ताओं द्वारा EPFO को भेजे गए. 24 नवंबर 2025 तक, लगभग 99 प्रतिशत आवेदन निपटाए जा चुके हैं. कुल 4,27,308 मांग पत्र जारी किए गए, जिनमें से 34,060 मामले गैर-योग्य पाए गए. 2,33,303 पेंशनभोगियों ने राशि जमा की, जिनमें से 96,274 सेवा में हैं और 1,37,029 पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं.
सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों में से लगभग 1,24,457 को पेंशन भुगतान आदेश (PPO) जारी किए जा चुके हैं. वहीं, 12,572 PPO अंतिम प्रक्रिया में हैं. EPFO ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के अनुसार, प्रपत्र 12 के प्रावधानों के तहत पेंशन की गणना प्रोराटा आधार पर की है, जिससे सभी पेंशनभोगियों को समान अवसर मिलता है.
EPS, 1995 एक ‘Defined Contribution-Defined Benefit’ सामाजिक सुरक्षा योजना है. इस योजना का कोष नियोक्ता के 8.33% और केंद्रीय सरकार के 1.16% योगदान से बनता है, जो 15,000 रुपये मासिक वेतन तक लागू होता है. सभी लाभ इस कोष से प्रदान किए जाते हैं. सालाना आकलन के अनुसार, कोष में ऐक्चुअरियल घाटा है, लेकिन यह योजना वित्तीय रूप से सुनिश्चित है.
सरकार पेंशनभोगियों को न्यूनतम 1,000 रुपये मासिक पेंशन देने के लिए बजट सहायता प्रदान कर रही है. यह राशि नियोक्ता और केंद्र सरकार के वार्षिक योगदान के अतिरिक्त है. सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि सभी लाभ समय पर उपलब्ध हों और भविष्य की वित्तीय जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए योजना का संतुलन बना रहे.
श्रम राज्य मंत्री ने संसद में आश्वस्त किया कि सरकार EPS-1995 के तहत पेंशनभोगियों के लिए अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. सभी फैसले सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और कोष की स्थिति को ध्यान में रखकर लिए जा रहे हैं. इससे लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा मिल सकेगी.