नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) को लेकर एक महत्वपूर्ण अपडेट जारी किया है. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में स्पष्ट किया कि आयोग का गठन आधिकारिक रूप से अधिसूचित कर दिया गया है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान समय में महंगाई भत्ता (DA) या महंगाई राहत (DR) को मूल वेतन में मिलाने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है.
यह बयान लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी जानकारी है, क्योंकि लंबे समय से DA और DR को वेतन में विलय करने को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही थी. आपको बता दें कि 8वें वेतन आयोग से जुड़ी सिफारिशों का प्रभाव लगभग 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख से ज्यादा पेंशनभोगियों पर पड़ेगा. इसलिए इसे बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि मौजूदा महंगाई भत्ते को मूल वेतन में विलय करने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में सरकार के पास विचाराधीन नहीं है. उन्होंने आगे बताया कि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई से राहत देने के लिए हर छह महीने में DA और DR की दर में संशोधन किया जाता है. यह संशोधन श्रम ब्यूरो द्वारा जारी AICPI-IW (ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स इंडस्ट्रियल वर्कर्स) के आधार पर किया जाता है. वर्तमान में DA और DR की दर 55% है, और पिछले महीने ही दिवाली से पहले इसमें 3% की बढ़ोतरी की गई थी.
केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन के लिए 3 नवंबर 2025 को आधिकारिक रूप से अधिसूचित किया. इस आयोग की सिफारिशें मुख्य रूप से वेतन संशोधन, मूल वेतन, फिटमेंट फैक्टर और वेतन संरचना पर केंद्रित होंगी. आयोग की अध्यक्षता न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना देसाई कर रही हैं.
8वें वेतन आयोग को इस साल जनवरी में आधिकारिक रूप से घोषित किया गया था. आयोग अपनी रिपोर्ट 18 महीनों के भीतर सरकार को सौंप सकता है. इससे पहले 7वें वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था. सामान्यतः वेतन आयोगों का चक्र लगभग 10 साल का होता है, इसलिए 2026 को 8वें वेतन आयोग के लागू होने का समय माना जा रहा है.
8वें वेतन आयोग के लागू होने से 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख से ज्यादा पेंशनभोगियों को लाभ होगा. इस आयोग की सिफारिशों पर ही भविष्य में वेतन संरचना, DA और DR में बढ़ोतरी तय होगी. इसलिए इसे कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.