भारत में नवंबर महीने की GST वसूली में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कुल संग्रह Rs 1.7 लाख करोड़ रहा, जो पिछले नौ महीनों का सबसे निचला स्तर है.
साल-दर-साल आधार पर यह 0.7% कम है, जिसका मुख्य कारण सितंबर में लागू हुई GST दरों की नई संरचना मानी जा रही है. GST 2.0 के तहत चार स्लैब खत्म कर दो स्लैब किए गए, जिसकी वजह से अधिकांश उपभोक्ता वस्तुओं पर कर में कमी आई है.
नवंबर में कुल GST वसूली Rs 1.7 लाख करोड़ रही, जो फरवरी 2024 के बाद सबसे कम मासिक आंकड़ा है. यह गिरावट दरों में कटौती और उपभोक्ता वस्तुओं पर कम टैक्स के असर को दर्शाती है. साथ ही, कटौती के बाद नई व्यवस्था का पूरा प्रभाव भी इसी महीने महसूस हुआ.
आंकड़ों के अनुसार, सेंट्रल GST बढ़कर Rs 34,843 करोड़ हो गया, जबकि पिछले वर्ष यह Rs 34,141 करोड़ था. इसके विपरीत, स्टेट GST घटकर Rs 42,522 करोड़ रह गया. Integrated GST भी पिछले वर्ष की तुलना में कम रहा, जिससे कुल वसूली दबाव में रही.
नेट GST वसूली नवंबर में 1.3% बढ़ी और Rs 1.52 लाख करोड़ रिकॉर्ड की गई. यह वृद्धि इसलिए दिखी क्योंकि इस बार जारी किए गए रिफंड पिछले साल की तुलना में 4% कम थे. नवंबर में रिफंड Rs 18,954 करोड़ रहे, जिससे नेट वसूली को बढ़त मिली.
सितंबर में लागू हुए GST 2.0 के तहत 12% और 28% स्लैब हटाए गए और अधिकतर वस्तुओं को 5% और 18% में रखा गया. अक्टूबर में त्योहारों के कारण वसूली बढ़ी, लेकिन नवंबर में सुधार का वास्तविक असर दिखा, जिससे वसूली सामान्य रूप से कम हुई.
नवंबर में सेस वसूली घटकर Rs 4,006 करोड़ रह गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में एक-तिहाई है. विशेषज्ञों का कहना है कि अब सेस केवल तंबाकू उत्पादों पर लागू है. मोटर वाहन, एरेटेड ड्रिंक्स और अन्य वस्तुएं अब इसके दायरे से बाहर हैं, जिस कारण कुल वसूली में स्पष्ट गिरावट दर्ज हुई.