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India Daily

Bal Thackeray old video: मराठी बनाम हिंदी की बहस ने फिर पकड़ा जोर, बाला साहेब ठाकरे का पुराना वीडियो हुआ वायरल

Bal Thackeray old video: बाला साहेब ठाकरे का एक पुराना वीडियो वायरल होने से महाराष्ट्र में मराठी बनाम हिंदी विवाद फिर उभर आया है. उद्धव और राज ठाकरे ने इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाते हुए मुंबई में रैली की और हिंदी थोपे जाने का विरोध किया. दोनों ने मुंबई नगर निगम चुनाव साथ लड़ने की घोषणा भी की है.

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Edited By: Km Jaya
Balasaheb Thackeray
Courtesy: Social Media

Bal Thackeray old video: महाराष्ट्र में भाषा पहचान को लेकर चल रहे विवाद के बीच शिवसेना संस्थापक बाला साहेब ठाकरे का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर फिर से सामने आया है. यह वीडियो उस समय आया है जब महाराष्ट्र में भाषा पहचान को लेकर चल रहे विवाद चल रहा है. इस वीडियो के सामने आने के बाद राज्य में मराठी बनाम हिंदी की बहस ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है. यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ जब उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक ऐतिहासिक मंच पर एक साथ नजर आए और महाराष्ट्र में हिंदी थोपने के खिलाफ एकजुटता दिखाई.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार रात यह वीडियो वायरल हुआ, इस मंच से उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने राज्य सरकार के उस आदेश का विरोध किया जिसमें कक्षा 1 से 5 तक हिंदी को अनिवार्य भाषा बनाए जाने की बात थी. हालांकि जन विरोध के बाद सरकार ने इस फैसले को आंशिक रूप से वापस ले लिया है.

मराठी अस्मिता को लेकर बड़ा ऐलान 

रैली के दौरान उद्धव ठाकरे ने मराठी अस्मिता को लेकर बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि वह और राज ठाकरे आने वाले मुंबई नगर निगम चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे. उद्धव ने स्पष्ट रूप से कहा, "हम महाराष्ट्र में बीजेपी को हिंदी थोपने नहीं देंगे. मराठी जनता को एकजुट होकर अपनी भाषा और संस्कृति की रक्षा करनी होगी."

मुंबई को तोड़ने की एक साजिश

वहीं, राज ठाकरे ने केंद्र सरकार की तीन-भाषा नीति पर निशाना साधते हुए इसे महाराष्ट्र और खासकर मुंबई को तोड़ने की एक साजिश बताया. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “महाराष्ट्र को छूने की कोशिश करके देखो, क्या होता है.”

हिंदी को अनिवार्य बनाने का आदेश

भाषाई विवाद की शुरुआत अप्रैल में हुई, इसके खिलाफ मराठी समर्थक संगठनों ने इसे 'हिंदी थोपी जा रही है' कहकर विरोध प्रदर्शन किए. जन दबाव के चलते अब सरकार ने आदेश को थोड़ा नरम करते हुए कहा है कि यदि 20 या उससे अधिक छात्र हिंदी न पढ़ना चाहें, तो विकल्प दिया जाएगा.

अब बाला साहेब ठाकरे का पुराना बयान जिसमें वे कहते हैं कि "मैं महाराष्ट्र में मराठी हूं, पर देश के बाकी हिस्सों में भारतीय" इस बहस को नई दिशा दे रहा है, जिसमें मराठी गौरव और राष्ट्रीय एकता दोनों की चर्चा हो रही है.