menu-icon
India Daily

जनता के आक्रोश के आगे झुकी ममता सरकार, 42 डॉक्टरों के तबादले का आदेश लिया वापस

राज्य सरकार की कार्रवाई पर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर मेडिकल कॉलेज कोलकाता और कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज को निशाना बनाने का आरोप लगाया, जिनको लेकर उन्होंने दावा किया कि ये दोनों कॉलेज राज्य की फासीवादी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के केंद्र हैं.

India Daily Live
Kolkata  Rape Murder Case
Courtesy: social media

 Kolkata Rape Murder Case: ममता बनर्जी ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा 42 डॉक्टरों के तबादले के आदेश को वापस ले लिया है. बता दें कि कोलकाता के आरजी कॉलेज एंड मेडिकल कॉलेज में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर मामले में पूरे देश में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है. डॉक्टरों की हड़ताल के बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के अलग-अलग मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में कार्यरत 42 डॉक्टरों का तबादला कर दिया था लेकिन अब ममता बनर्जी ने इस आदेश को वापस ले लिया है.

डॉक्टर संगीता पॉल और डॉ. सुप्रिया दास भी थीं शामिल

ट्रांसफर किए गए 42 डॉक्टरों में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की डॉक्टर संगीता पॉल और डॉ. सुप्रिया दास भी शामिल थीं. आरजी कर मेडिकल कॉलेज वही मेडिकल कॉलेज है जहां 9 अगस्त को महिला ट्रेनी डॉक्टर का रेप के बाद मर्डर कर दिया गया था.

बीजेपी ने साधा निशाना

राज्य सरकार की कार्रवाई पर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर मेडिकल कॉलेज कोलकाता और कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज को निशाना बनाने का आरोप लगाया, जिनको लेकर उन्होंने दावा किया कि ये दोनों कॉलेज राज्य की फासीवादी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के केंद्र हैं.

मेडिकल कॉलेजों को निशाना बना रही ममता सरकार

अमित मालवीय ने ट्वीट कर लिखा, '16 अगस्त को पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने ट्रांसफर की 8 पन्नों की सूची जारी की, जिसके स्थिति और ज्यादा गंभीर हो गई. ममता बनर्जी मेडिकल कॉलेज कोलकाता और कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज तो निशाना बना रही हैं जो उनके फासीवादी शासन के खिलाफ विरोध के केंद्र हैं.'

डॉक्टरों के संघों ने जताया था कड़ा विरोध

इस ट्रांसफर के आदेश पर डॉक्टरों के संघों की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई थी, उन्होंने इस आदेश को एक साजिश और वरिष्ठ स्वास्थ्य पेशेवरों को चुप कराने का प्रयास बताया था.

आदेश वापस लेने पर क्या बोले स्वास्थ्य सचिव

सरकार द्वारा फैसला वापस लेने पर राज्य स्वास्थ्य विभाग के सचिव नारायणस्वरूप निगम ने कहा कि जिस ट्रांसफर की बात हो रही है उसकी प्रक्रिया आरजी कर की घटना से करीब दो महीने पहले ही शुरू होगई थी. यह नियमित कार्रवाई का हिस्सा था और संबंधित अधिकारियों को तबादले की अनुमति काफी पहले दे दी गई थी लेकिन नामों में स्पेलिंग से लेकर कई अहम मसलों को दुरुस्त करने के बाद ट्रांसफर ऑर्डर जारी करने में देरी हुई. लेकिन अभी हम आदेश वापस ले रहे हैं.

उन्होंने कहा कि डॉक्टर अब अलग-अलग जगहों पर सेवाएं दे रहे हैं, उनके ट्रांसफर से सेवा में व्यवधान हो सकता है, इसलिए यह फैसला वापस लिया गया है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में अगले फैसले की घोषणा कुछ दिनों में की जाएगी.