Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे के मुद्दे पर महाविकास अघाड़ी (MVA) के नेताओं ने बुधवार को मुंबई में बैठक की. यह बैठक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के कार्यालय 'शिवालय' में हुई. बैठक में कांग्रेस के प्रमुख नाना पटोले, बालासाहेब थोराट, एनसीपी प्रमुख शरद पवार के प्रतिनिधि जयंत पाटिल और शिवसेना (यूबीटी) के अनिल देसाई और संजय राउत शामिल हुए.
सूत्रों के अनुसार, विपक्षी गठबंधन के बीच सीट बंटवारे पर दशहरे से पहले बातचीत पूरी होने की संभावना है. इसे लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने एक बयान दिया है. इससे माना जा रहा है कि MVA ने सारे मनमुटाव खत्म हो गए हैं.
कांग्रेस विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र में अधिक सीटें चाहती है और मुंबई व कोंकण में शिवसेना (यूबीटी) को ज्यादा सीटें देने के लिए तैयार है. वहीं, शिवसेना (यूबीटी) पूर्वी महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में अधिक सीटों की मांग कर रही है. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि मुंबई की 90 प्रतिशत सीटों पर सहमति बन गई है, जबकि शेष छह सीटों पर चर्चा जारी है.
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि महाविकास अघाड़ी जल्द ही राज्य की 288 सीटों में से कुछ पर घोषणा कर देगा. उन्होंने बताया कि आज की बैठक में 150 से अधिक सीटों पर चर्चा हुई और निर्णय जल्द लिया जाएगा. पटोले ने कहा कि हम गुण-दोष के आधार पर निर्णय लेंगे और दशहरे से पहले कई सीटों पर घोषणा करेंगे.
महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने कहा कि एमवीए गठबंधन आगामी विधानसभा चुनाव मजबूती से लड़ेगा. उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी ने 12 सीटों की मांग की है और वे धर्म के आधार पर ध्रुवीकरण का विरोध कर रहे हैं.
बैठक के बाद एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने बताया कि घटक दलों के बीच कोई मतभेद नहीं है और सीट बंटवारे पर बातचीत अच्छे तरीके से हो रही है. उन्होंने कहा, "यह एक लंबी बैठक थी, लेकिन कोई दुश्मनी नहीं है. 288 सीटों पर चर्चा हो चुकी है.
चुनाव आयोग ने अभी तक चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन राज्य में राजनीतिक ध्रुवीकरण की प्रक्रिया तेज हो गई है. आगामी चुनाव में महाविकास अघाड़ी (जिसमें शिवसेना यूबीटी, एनसीपी शरद पवार गुट और कांग्रेस शामिल हैं) और महायुति गठबंधन (जिसमें बीजेपी, शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट और एनसीपी अजित पवार गुट शामिल हैं) के बीच सीधा मुकाबला होगा.