नई दिल्ली: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनाव को देखते हुए बीजेपी और कांग्रेस (Congress) जैसी बड़ी पार्टियों ने तैयारी तेज कर दी है. मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में आने वाली शाहपुर विधानसभा सीट (Shahpura Assembly Seat) को लेकर भी सियासी पारा हाई है. मंडला संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाली ये सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. शाहपुर विधानसभा सीट को मध्य प्रदेश की अहम सीट माना जाता है.
बीजेपी और कांग्रेस में टक्कर
2018 के विधानसभा चुनाव में शाहपुर विधानसभा सीट कांग्रेस के खाते में गई थी और भूपेंद्र मरावी विधायक चुने गए थे. 2018 में यहां कुल 46 प्रतिशत वोट पड़े थे. भूपेंद्र मरावी ने भारतीय जनता पार्टी के ओमप्रकाश धुर्वे को हराया था. 2013 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के ओमप्रकाश धुर्वे ने 76796 वोट हासिल कर कांग्रेस की गंगा बाई को शिकस्त दी थी. इस चुनाव में गंगा बाई को 44,115 वोटों से संतोष करना पड़ा था. 2008 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर गंगा बाई ने जीत दर्ज की थी. गंगा बाई ने 2008 के चुनाव में 51,435 वोट लेकरल बीजेपी के चैन सिंह को हराया था. चैन सिंह को महज 31,500 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था.
शाहपुरा विधानसभा का इतिहास
1985 अनूप सिंह मरावी- बीजेपी
1990 राम सिंह- बीजेपी
1993 गंगा बाई- कांग्रेस
1998 गंगा बाई- कांग्रेस
2003 डॉ सीएस भवेदी- बीजेपी
2008 गंगा बाई- कांग्रेस
2013 ओम प्रकाश धुर्वे- बीजेपी
2018 भूपेंद्र मरावी- कांग्रेस
यह भी पढ़ें: Madhya Pradesh: गोविंदपुरा विधानसभा सीट पर 46 साल नहीं मुरझाया कमल, जानें समीकरण