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ट्रेनी डॉक्टर का रेप और हत्या करने के दोषी संजय रॉय को क्यों नहीं मिली फांसी की सजा, जानें क्या इसके पीछे की कहानी?

Kolkata RG Kar Murder Case convict Sanjay Roy: आरजी कर हॉस्पिटल के ट्रेनी डॉक्टर के रेप व मर्डर केस के दोषी संजय रॉय को सेशन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. आखिर कोर्ट ने संजय रॉय को फांसी की सजा क्यों नहीं सुनाई? आइए जानने की कोशिश करते हैं.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Kolkata RG Kar Murder Case convict Sanjay Roy Why did not get the death penalty Know
Courtesy: Social Media

Kolkata RG Kar Murder Case convict Sanjay Roy: कोलकाता के आरीज कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल के ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. इससे पहले 18 जनवरी को सियालदह कोर्ट ने उसे दोषी ठहराया था और कहा था कि दोषी को कम से कम उम्रकैद और अधिकतम फांसी की सजा सुनाई जा सकती है. 

20 जनवरी की दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर सियलदह कोर्ट के जज आनिर्बन दास दोषी को सजा सुनाते हुए आजीवन कारवास का दंड़ दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने पश्चिम बंगाल कोर्ट को पीड़िता के परिवार को 17 लाख रुपये मुआवजा देना का भी आदेश दिया. 

संजय रॉय को कोर्ट ने क्यों नहीं दी फांसी की सजा?

संजय रॉय को सजा सुनाते हुए जज आनिर्बन दास ने कहा, 'यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामला नहीं है. मौत की सजा नहीं दी सकती.' कोर्ट ने इसे दुर्लभ नहीं माना. इसी तर्क के आधार पर कोर्ट ने संजय को फांसी की सजा नहीं सुनाई. 

कोर्ट ने अपना फैसला सुनाने से पहले सभी की दलीलें सुनी. 

दोषी संजय रॉय ने दलील में कहा, मैंने कोई जुर्म नहीं किया है. मुझे इस केस में फंसाया गया है. बिना कुछ किए मुझे दोषी बना दिया गया. मुझे जेल में पुलिस ने पीटा, टार्चर किया. और जबरदस्ती दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए. 

संजय के वकील ने कोर्ट से कहा- हमे इस बात के सबूत दिए जाने चाहिए कि दोषी में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं बची है. मैं चाहते हूं मेरी मुवक्किल को फांसी के अलावा और कोई भी सजा दी जाए ताकि उसे सुधरने का वक्त मिले. 

वहीं, सीबीआई ने अपने दल्ली में कहा- हम चाहते हैं कि दोषी को फांसी की सजा दी जाए ताकि समाच में कानून का भरोसा बना रहे. 

वहीं, पीड़िता के माता-पिता के वकील ने कोर्ट में कहा- दोषी को फांसी की सजा होनी चाहिए. संजय सिविक वॉलंटियर था. उसे अस्पताल की सुरक्षा में लगाया था. लेकिन जिसकी उसे हिफाजत करनी थी उसी के साथ उसने जघन्य अपराध किया. 

किन धाराओं के तहत संजय रॉय को ठहराया गया दोषी और सुनाई गई सजा

संजय को भारतीय न्याय संहिता की 3 धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया. 

बीएनएस की धारा 64(बलात्कार):  इसके तहत दोषी को कम से कम 10 साल की जेल और अधिकतम उम्रकैद की सजा सुनाई जा सकती है. 

BNS की धारा 66 (पीड़ित की मृत्यु या उसे अचेत अवस्था में पहुंचाना: इसके तहत कम से कम 20 साल की सजा और अधिकतम उम्रकैद की सजा दी जा सकती है. 

 BNS की धारा 103(1) (हत्या): इसके तहत दोषी को उम्रकैद या फांसी की सजा दी जा सकती है. 

इस केस में आगे क्या होगा?

अब लोअर कोर्ट के उम्रकैद की सजा के बाद इसे हाई कोर्ट में पुष्टि के लिए भेजा जाएगा. 

हाई कोर्ट इस फैसले की समीक्षा कराएगा और तय करेगा कि कानून के तहत सेशन कोर्ट का फैसला सही या नही. 

अगर दोषी को फांसी भी होती तो भी भी हाई कोर्ट फैसले को रिव्यू करता. हाई कोर्ट की मंजूरी मिलने पर ही सजा लागू की जा सकती है.

अगर हाई कोर्ट दोषी की सजा को बरकरार रखता है तो दोषी सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है.