वारिस पंजाब दे प्रमुख और खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह ने पंजाब की खडूर लोकसभा सीट से लोकसभा का चुनाव जीतकर सभी को चौंका दिया. बतौर निर्दलीय चुनाव जीतने वाले अमृतपाल सिंह फिलहाल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं. लोकसभा चुनाव में उनकी अप्रत्याशित जीत ने उनकी जेल से जल्द रिहाई की उम्मीद बढ़ा दी है.
शनिवार को अमृतपाल सिंह के माता-पिता उनसे मिलने डिब्रूगढ़ जेल पहुंचे. इस दौरान सिंह की मां बलविंदर सिंह कौर और उनके पिता ने संवाददाताओं से बातचीत की.
'सरकार को छोड़ना ही पड़ेगा'
मीडिया से बातचीत के दौरान बलविंदर सिंह कौर उनके बेटे को सांसद बनाने वाली जनता का धन्यवाद दिया. कौर ने कहा, 'मैं उसे (अमृतपाल सिंह) को भारी मतों से सांसद बनाने के लिए लोगों का धन्यवाद करती हूं...वह जल्द जेल से बाहर आएगा...जनता ने उसे बड़ा जनादेश दिया है इसलिए सरकार को उसे छोड़ना ही होगा...'
#WATCH | Dibrugarh, Assam: Amritpal Singh's mother Balwinder Kaur says, "I thank the public for making him(Amritpal Singh) an MP with a very huge lead...He will come out of jail soon...The government will have to release him as people have given him such a big mandate..." pic.twitter.com/1wEmdHbA5n
— ANI (@ANI) June 8, 2024
'वह पंजाब को को नशीली दवाओं के खतरे से बचा रहा था'
वहीं इस दौरान अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने कहा, 'मैं बड़ी संख्या में अमृतपाल सिंह को वोट देने के लिए जनता का धन्यवाद देता हूं...लोकसभा सांसद की शपथ लेने के लिए उसे जल्द जेल से रिहा किया जा सकता है...वह पंजाब को नशीली दवाओं के खतरे से बचा रहा था लेकिन सरकार ने उसे जेल में डाल दिया. लोगों में सरकार के इस कदम को लेकर भारी गुस्सा था.' बता दें कि अमृतपाल सिंह, मार्च 2023 से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं.
#WATCH | Dibrugarh, Assam: Amritpal Singh's father Tarsem Singh says, "I thank the people of Punjab for voting for him(Amritpal Singh) in large numbers...He could be released soon for taking oath as Lok Sabha MP...He was saving Punjab from drug menace...There was anger amongst… pic.twitter.com/JkXLZdxGki
— ANI (@ANI) June 8, 2024
क्या है एनएसए
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 में अस्तित्व में आया था. यह केंद्र और राज्य सरकारों को बिना पूर्व सूचना के किसी को भी हिरासत में लेने की ताकत देता है. इस कानून के तहत किसी भी शख्स को 12 महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है.