Kerala Bus Driver Helmet: केरल राज्य में आज हुए राष्ट्रीय हड़ताल के दौरान एक दिलचस्प घटना सामने आई, जब एक केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) का ड्राइवर अपनी सुरक्षा के लिए हेलमेट पहने हुए बस चला रहा था. यह घटना आज की हड़ताल के दौरान सामने आई और वीडियो वायरल हो गया. ड्राइवर की पहचान शिबु थॉमस के रूप में हुई है, जो पथानमथिट्टा से कोल्लम के बीच का रूट चला रहे थे. वीडियो में ड्राइवर को हेलमेट पहने हुए देखा जा सकता है, ताकि किसी भी हमले से बचने के लिए वह खुद को सुरक्षित रख सकें.
हालांकि, केरल के परिवहन मंत्री KB गणेश कुमार ने यह कहा था कि राज्य सरकार की बस सेवाएं सामान्य रूप से चलती रहेंगी, क्योंकि यूनियनों की तरफ से कोई आधिकारिक हड़ताल की सूचना नहीं आई थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मंत्री ने बताया था कि 'KSRTC की सेवाएं हड़ताल के बावजूद जारी रहेंगी. लेकिन, ट्रेड यूनियन के सूत्रों ने मंत्री के इस बयान का खंडन किया.' उनके अनुसार, 'KSRTC के कर्मचारी भी भारत बंद का हिस्सा बनेंगे.'
പൊതുപണിമുടക്ക് ദിവസം ഹെൽമറ്റ് ധരിച്ച്
— AJI THOMAS (@AjiThomas4BJP) July 9, 2025
KSRTC ഡ്രൈവർ.
പത്തനംതിട്ടയിൽ നിന്നും കൊല്ലത്തേക്ക്
ബസ്സോടിച്ച ഷിബു തോമസാണ് ഹെൽമറ്റ്
ധരിച്ചത്.
പണിമുടക്കനുകൂലികൾ കല്ലെറിഞ്ഞാൽ
നഷ്ടം ഷിബുവിനും കുടുംബത്തിനും മാത്രമാണ്.
KSRTC യോ സർക്കാരോ ഒപ്പമുണ്ടാവില്ല.
മുൻകരുതലെടുത്ത ഷിബുവിന് അഭിനന്ദനങ്ങൾ👏👏 pic.twitter.com/vFuQ3K9awr
केरल सरकार ने आज हड़ताल से पहले सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों को एक सख्त आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि अनधिकृत अनुपस्थिति को डाईज नॉन माना जाएगा, यानी उस दिन न तो वेतन मिलेगा और न ही सेवा लाभ. जन प्रशासन विभाग के अनुसार, 9 जुलाई को हड़ताल का दिन माना जाएगा और इस दिन कोई छुट्टी नहीं दी जाएगी, सिवाय उन मामलों के जहां व्यक्तिगत या पारिवारिक बीमारी, परीक्षा कर्तव्य, मातृत्व अवकाश या अन्य आपात स्थिति हो. यह आदेश उन कर्मचारियों के लिए था जो केंद्र श्रमिक संघों (CITU) और भारतीय राष्ट्रीय श्रमिक संघ (INTUC) जैसे श्रमिक संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद में भाग लेंगे.
आज देशभर में 10 केंद्रीय श्रमिक संघों के संयुक्त मंच द्वारा भारत बंद का आयोजन किया गया है, जिसमें किसानों और ग्रामीण श्रमिक समूहों ने भी समर्थन किया है. लगभग 25 करोड़ श्रमिक प्रमुख सरकारी क्षेत्रों से इस हड़ताल में भाग ले रहे हैं. उनका कहना है कि वे केंद्र सरकार की 'कर्मचारी-विरोधी, किसान-विरोधी और कॉर्पोरेट समर्थक" नीतियों का विरोध कर रहे हैं. इस हड़ताल से बैंकिंग, डाक सेवाएं, परिवहन और बिजली आपूर्ति जैसी आवश्यक सार्वजनिक सेवाओं में बड़े व्यवधान की संभावना है.