नई दिल्ली: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कथित चुनाव अनियमितताओं के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बेटे एचडी रेवन्ना को एक बार फिर समन जारी करने का आदेश दिया है. पहले जारी किये गए समन का पालन नहीं होने के बाद दूबारा कोर्ट ने इस पर अमल करने की अपील की है. इससे पहले सुनवाई में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने विधानसभा सचिवालय के जरिए समन जारी करने का आदेश दिया था. इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में रेवन्ना के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका बीजेपी के हारे हुए उम्मीदवार जी देवराजे गौड़ा ने दायर की थी. याचिकाकर्ता गौड़ा ने आरोप लगाया है कि रेवन्ना को अवैध गतिविधियां संचालित कर चुना गया है. ऐसे में उन्हें अयोग्य ठहराया जाना चाहिए.
एचडी रेवन्ना ने पिछले मई में हुए विधानसभा चुनाव में हसन जिले के होलेनरासीपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था. हाई कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया गया कि रेवन्ना के समर्थकों ने मतदाताओं को नकदी और उपहार बांटे और उन्हें प्रभावित करने के लिए हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया. देवराजेगौड़ा की ओर से दायर चुनाव विवाद याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए फिर से समन पर अमल करने का आदेश दिया है. इससे पहले एचडी रेवन्ना के बेटे और लोकसभा सांसद प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीते 18 सितंबर को कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसने जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना की लोकसभा सदस्यता को अमान्य करार दे दिया गया था. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी.
देवराजेगौड़ा ने आरोप लगाया है कि रेवन्ना और दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार श्रेयस पटेल दोनों ने मतदाताओं को प्रलोभन देकर लुभाया था इसलिए दोनों को मिले वोट अमान्य घोषित किए जाने चाहिए. बीते विधानसभा चुनाव के दौरान रेवन्ना को 88,103 वोट जबकि कांग्रेस उम्मीदवार श्रेयस पटेल को 84,951 वोटों तो देवराजेगौड़ा को महज 4,850 वोट मिले थे.
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