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पत्रकार निखिल वागले की कार पर हमला, जानें BJP कार्यकर्ताओं का क्यों फूटा गुस्सा?

पुणे में पत्रकार निखिल वागले की कार पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने हमला किया. पीएम मोदी और लालकृष्ण आडवाणी पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने वागले की कार के शीशे तोड़ दिए और स्याही फेंकी.

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Journalist Nikhil Wagle

नई दिल्ली: पत्रकार निखिल वागले की कार पर बीजेपी कार्यकर्ताओं की ओर हमला किया गया. यह हमला तब किया गया जब वह शुक्रवार को पुणे में एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जा रहा था. वागले ने आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने की आलोचना की थी, जिसके एक दिन बाद शुक्रवार को उन पर हमला किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए बीजेपी कार्यकर्ता वागले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.

घटना से जुड़ा हुआ जो वीडियो सामने आया है उसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कार की विंडस्क्रीन और साइड शीशे को क्षतिग्रस्त कर दिया और उसके कार पर स्याही भी फेंक दी. खंडोजी बाबा चौक पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने वागले की कार को घेर लिया और उसमें तोड़फोड़ की. 

'उन सभी को माफ करता हूं जिन्होंने मुझ पर हमला किया'

घटना के बाद कार्यक्रम स्थल पंहुचे वागले ने कहा कि मैं उन सभी को माफ करता हूं जिन्होंने मुझ पर हमला किया. मुझ पर पहले छह बार हमला किया गया है और यह सातवां था. शिवाजी महाराज से लेकर शाहूजी महाराज से लेकर डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर तक हमारी परंपरा है. हमारे पास संतों की परंपरा है. वागले ने दर्शकों से आगामी चुनावों में महाराष्ट्र में एमवीए के लिए वोट करने के लिए भी कहा. 

आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में केस दर्ज 

इससे पहले वागले के खिलाफ बीजेपी नेता सुनील देवधर ने कथित तौर पर पीएम और आडवाणी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में मामला दर्ज कराया था. निखिल वागले पर विश्रामबाग पुलिस स्टेशन में IPC की धारा 153 A,  500 (मानहानि) और 505 (सार्वजनिक शरारत के लिए उकसाने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया है. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. 

विपक्षी दलों के निशाने पर शिंदे सरकार 

वरिष्ठ पत्रकार निखिल वागले की कार पर हमले के बाद विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोला है. शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने पुणे की घटना पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि हमारे पूर्व नगरसेवक अभिषेक घोसालकर की असामयिक और दुर्भाग्यपूर्ण हत्या के 24 घंटे से भी कम समय में हमारे उन कार्यकर्ताओं पर हमला जारी है जो बीजेपी के आलोचक हैं. गुंडाराज के तहत गुंडागर्दी जारी है.