नई दिल्ली: भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो जल्द ही अपने फ्लाइट शेड्यूल में 5% की कटौती कर सकती है. इसका सीधा मतलब है कि रोजाना ऑपरेशन से करीब 110 फ्लाइट्स हटाई जा सकती हैं. ये फ्लाइट स्लॉट फिर दूसरी एयरलाइंस को दिए जा सकते हैं जिनके पास एक्स्ट्रा फ्लाइट्स संभालने के लिए पर्याप्त स्टाफ और प्लेन हैं.
सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों इंडिगो की कई फ्लाइट्स कैंसिल हुई थीं. इससे सरकार काफी नाराज थी. अधिकारी और भी कटौती के बारे में सोच रहे हैं, अगर एयरलाइन में सुधार नहीं होता है तो आने वाले दिनों में शायद 5% और कटौती हो सकती है. इसके साथ ही वो दूसरे सख्त कदम उठाने पर भी विचार कर रहे हैं.
इंडिगो ने DGCA (एविएशन रेगुलेटर) के शो-कॉज नोटिस का जवाब दिया था. इसमें इंडिगो ने कहा था कि यात्रियों को जो परेशानी हुई उसका उन्हें काफी अफसोस है. एयरलाइन ने इस गड़बड़ी के 5 जरूरी कारण बताए हैं, जिसमें क्रू के लिए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम नियम (FDTL), विंटर फ्लाइट शेड्यूल में किए गए बदलाव, छोटी-मोटी तकनीकी समस्याएं, खराब मौसम और एविएशन सिस्टम में ज्यादा भीड़ शामिल हैं.
एयरलाइन ने आगे कहा कि उनका ऑपरेशन काफी बड़ा है, लेकिन सही कारण का पता लगाना काफी मुश्किल है. उन्होंने DGCA से इसके लिए समय भी मांगा है. एविएशन मिनिस्ट्री का कहना है कि DGCA फिलहाल इंडिगो के जवाब को स्टडी कर रहा है. यह जवाब सोमवार शाम को CEO पीटर एल्बर्स और COO इसिडोर पोरक्वेरस ने सबमिट किया था. फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता है कि DGCA इंडिगो को और समय देगा या नहीं.
इंडिगो पर फाइनेंशियल जुर्माना लगाया जा सकता है. वहीं, इंडिगो के सीनियर लीडर्स को सख्त कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है. एयरलाइन खुद भी उन लोगों को हटा सकती है या सस्पेंड कर सकती है जिन्हें इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार माना जाता है.
ज्वाइंट डायरेक्टर जनरल संजय ब्रह्मणे के नेतृत्व में चार सदस्यों वाला DGCA पैनल अब पूरी गड़बड़ी की जांच कर रहा है. यह टीम CEO पीटर एल्बर्स और COO इसिड्रे पोरक्वेरस से पूछताछ के लिए बुला सकती है. जिन चीजों की जांच की जाएगी उनमें क्रू प्लानिंग, स्टाफ शेड्यूलिंग, नए FDTL नियमों का पालन करने के लिए इंडिगो की तैयारी और ऑपरेशंस का ओवरऑल मैनेजमेंट शामिल हैं.