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India Daily

भारतीय सेना ने कर ली थी पाकिस्तान के कराची पोर्ट को उड़ाने की तैयारी, ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा खुलासा

10 मई को भारतीय नौसेना के जहाज मकरान तट से 260 मील दूर तैनात थे, और कराची नौसैनिक बंदरगाह पर हमला तय था. पाकिस्तान के DGMO ने ब्रह्मोस मिसाइलों के इस्तेमाल पर जवाबी कार्रवाई की धमकी दी, लेकिन भारत अडिग रहा.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Indian Army had made preparations to blow up Pakistans Karachi port under Operation Sindoor

10 मई को भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान की हवाई रक्षा और प्रमुख सैन्य संपत्तियों को नष्ट कर दिया, जिसके बाद इस्लामाबाद ने अमेरिका की मध्यस्थता से युद्धविराम की मांग की. एक प्रतिष्ठित अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान का ऑपरेशन बुनयान अल-मार्सूस, जो 10 मई को रात 1 बजे शुरू हुआ था, मात्र आठ घंटों में ढह गया. पाकिस्तान ने भारतीय वायु ठिकानों को 48 घंटों में निशाना बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन भारत ने उसी रात चार शक्तिशाली हवाई हमले किए, जिसने पाकिस्तान की सैन्य संरचना को तहस-नहस कर दिया.

 क्यों शुरू किया गया था ऑपरेशन सिंदूर 

ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को शुरू हुआ, जो 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले (जिसमें 26 लोगों की जान गई) के जवाब में था. भारत ने पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाया. मनीकंट्रोल के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसमें 170 से अधिक आतंकवादी और 42 पाकिस्तानी सैन्यकर्मी मारे गए. 

भारतीय वायुसेना की सटीक कार्रवाई
10 मई को भारतीय वायुसेना ने नूर खान (चकलाला), जैकोबाबाद और भोलारी जैसे प्रमुख पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर हमले किए. एक रिपोर्ट के अनुसार, “पहले हमले में राफेल से दागी गईं SCALP और SU-30 MKI से लॉन्च ब्रह्मोस मिसाइलों ने नूर खान के उत्तरी कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर को नष्ट कर दिया.” अंतिम हमलों तक पाकिस्तान पीछे हट चुका था और अमेरिका से युद्धविराम की मांग कर रहा था. भारत की S-400 वायु रक्षा प्रणाली ने अदमपुर से 11 बार कार्रवाई की, जिसमें 315 किमी अंदर पाकिस्तानी SAAB-2000 AWACS, एक C-130J, एक JF-17 और दो F-16 नष्ट किए गए. 

कराची बंदरगाह पर हमले की थी योजना
10 मई को भारतीय नौसेना के जहाज मकरान तट से 260 मील दूर तैनात थे, और कराची नौसैनिक बंदरगाह पर हमला तय था. पाकिस्तान के DGMO ने ब्रह्मोस मिसाइलों के इस्तेमाल पर जवाबी कार्रवाई की धमकी दी, लेकिन भारत अडिग रहा. दोपहर तक, पाकिस्तानी डीजीएमओ युद्धविराम की मांग कर रहा था.