नई दिल्ली: नौगाम पुलिस स्टेशन में जो विस्फोट हुआ वो काफी भीषण था. यह वही पुलिस स्टेशन है, जिसने व्हाइट कॉलर आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश करने में अहम भूमिका निभाई थी. यह वही समूह है जो चालाकी से और भ्रमित कर काम करता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, फरीदाबाद से 360 किलोग्राम से ज्यादा विस्फोटक जब्त किए गए थे. ये सभी नौगाम पुलिस स्टेशन के अंदर रखे गए थे.
राज्य जांच एजेंसी की एक टीम और फॉरेंसिक एक्सपर्ट इनकी जांच कर रहे थे. साथ ही इनके सैंपल भी ले रहे थे. यह प्रक्रिया काफी सावधानी से एक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में की जा रही थी. हालांकि, सावधानी रखने के बाद भी रात लगभग 11:20 बजे एक जोरदार विस्फोट हुआ. विस्फोट इतना जोरदार था कि पूरे पुलिस स्टेशन में आग लग गई और बिल्डिंग पूरी तरह से नष्ट हो गई.
इस दुर्घटना में 9 अधिकारियों की जान चली गई, जिनमें मजिस्ट्रेट, एसआईए टीम के प्रमुख, दो रेवन्यू ऑफिसर, दो क्राइम सीन फोटोग्राफर और एक दर्जी भी शामिल था. यह दर्जी संयोग से वहां मौजूद था. पुलिस अधिकारियों और फॉरेंसिक टीम के सदस्यों समेत लगभग 27 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इन सभी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया.
रिपोर्ट्स के अनुसार, विस्फोट की जगह से 300 मीटर दूर तक शवों के अंग मिले हैं. जो लोग घटनास्थल से 15 किलोमीटर दूर रहते हैं, उन्होंने बताया कि उन्हें विस्फोट के झटके महसूस हुए. इससे यह तो साफ है कि यह विस्फोट काफी विनाशकारी और शक्तिशाली था.
नौगाम पुलिस स्टेशन ने कई संवेदनशील जांच की हैं. इसमें हाल ही का एक मामला भी शामिल है, जिसमें इस पुलिस स्टेशन ने इलाके के कई हिस्सों में लगे जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टरों से जुड़े मामले को भी सुलझाया था. जम्मू-कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात ने बताया कि फरीदाबाद से बड़ी मात्रा में विस्फोटक और कैमिकल लाकर स्टेशन पर सुरक्षित रूप से रखे गए थे. फॉरेंसिक टीम दो दिनों से बेहद सावधानी के साथ इनके सैंपल ले रही थी, लेकिन यह विस्फोट गया. फिलहाल मामले की जांच जारी है.