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India Daily

भारतीय सेना की गन हिल अभियान! कारगिल विजय की 26वीं वर्षगांठ पर तोपचियों को श्रद्धांजलि

गन हिल अभियान भारतीय सेना की वीरता और समर्पण का प्रतीक है. यह कारगिल विजय की भावना को जीवंत रखता है और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता है.

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Edited By: Mayank Tiwari
Indian Army Conduct Gun Hil Expedition
Courtesy: Social Media

26वीं कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर, भारतीय सेना ने अपने वीर तोपचियों की बहादुरी और बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए 7 जुलाई 2025 को एक ऐतिहासिक अभियान आयोजित किया. यह अभियान लद्दाख के द्रास सेक्टर में स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण गन हिल (पॉइंट 5140) तक था, जिसे 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने पुनः कब्जा किया था. 

87 वीर सैनिकों का साहसिक प्रयास

इस भावनात्मक और ऐतिहासिक अभियान में भारतीय सेना के 87 वीर सैनिकों ने हिस्सा लिया, जिनमें 10 तोपखाना इकाइयों के 20 तोपची शामिल थे. ये इकाइयां ऑपरेशन विजय के दौरान गन हिल की विजय में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी थीं. गन हिल, जिसे 2023 में तोपखाना रेजिमेंट की निर्णायक भूमिका के सम्मान में “गन हिल” नाम दिया गया, कारगिल युद्ध में भारतीय सेना की पहली बड़ी उपलब्धियों में से एक था. इसकी पुनः प्राप्ति ने युद्ध का रुख मोड़ा और भारत के संकल्प और संचालन उत्कृष्टता का प्रतीक बन गया. 

ऑपरेशन विजय के नायकों की गाथा

इस अभियान में कर्नल (तत्कालीन कैप्टन) राजेश अधाउ और सूबेदार (तत्कालीन लांस नायक) केवल सिंह, सेना मेडल, शामिल थे, जो ऑपरेशन विजय के दौरान 13 जम्मू और कश्मीर राइफल्स के साथ थे. उन्होंने गन हिल की लड़ाई में भारतीय तोपखाने की वीरता की गाथा सुनाई, जिसने सभी सैनिकों में गर्व का भाव जगा दिया. कर्नल अधाउ ने उस समय रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर के रूप में और सूबेदार केवल सिंह ने एक सैनिक के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया था.

 राष्ट्र के लिए प्रेरणा

यह अभियान न केवल भारतीय सेना के शहीदों की स्मृति को संरक्षित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि यह राष्ट्र के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है. गन हिल अभियान ने कारगिल युद्ध के बलिदानों को जीवंत कर दिया, जो देश की संप्रभुता के लिए किए गए थे. भारतीय सेना की यह पहल एक कृतज्ञ राष्ट्र के दिलों में हमेशा जीवित रहेगी.