नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद शैली की मस्जिद के शिलान्यास का कार्यक्रम आज आयोजित हो रहा है. इस कार्यक्रम में दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं और इसी क्रम में उत्तर बारासात के निवासी मोहम्मद सफीकुल इस्लाम सिर पर ईंटें ढोते हुए नजर आए. सफीकुल इस्लाम का कहना है कि वह अपनी इन ईंटों को उस स्थान पर ले जा रहे हैं जहां निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर मस्जिद की आधारशिला रखने वाले हैं.
उन्होंने कहा कि उन्हें इस मस्जिद का निर्माण होते देख खुशी हो रही है और वह इसे अपनी आस्था का योगदान मानते हैं. कार्यक्रम स्थल राष्ट्रीय राजमार्ग 12 के किनारे बनाया गया है जहां बड़े राजनीतिक आयोजनों जैसी व्यापक तैयारियां की गई हैं. आयोजकों ने बताया है कि समारोह सुबह 10 बजे कुरान की आयतों के पाठ के साथ शुरू होगा और दोपहर को आधारशिला रखी जाएगी.
#WATCH | Md Safiqul Islam says, "I will go where Humayun Kabir will lay the foundation stone for Babri Masjid. I am carrying bricks for Babri Masjid..." https://t.co/1HoonHA2IX pic.twitter.com/XEoVg0pOk7
— ANI (@ANI) December 6, 2025
इस आयोजन के लिए 60 से 70 लाख रुपये का बजट तय किया गया है. मेहमानों के लिए 40,000 और स्थानीय लोगों के लिए 20,000 बिरयानी पैकेट तैयार किए जा रहे हैं. इसके अलावा 150 फुट लंबा और 80 फुट चौड़ा मंच बनाया गया है जिसकी लागत लगभग 10 लाख रुपये बताई जा रही है. कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सऊदी अरब से मौलवियों को भी बुलाया गया है.
कार्यक्रम की घोषणा के बाद राजनीतिक तनाव भी बढ़ गया है. भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने हुमायूं कबीर को चेतावनी दी है कि यदि वह बाबरी मस्जिद की तर्ज पर आधारशिला रखते हैं तो उन्हें गंभीर परिणाम झेलने होंगे. स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए हैं. वहीं राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की है.
दूसरी ओर, इस आयोजन के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि इस कार्यक्रम से सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ सकता है और हुमायूं कबीर की विवादित टिप्पणियां माहौल को और खराब कर सकती हैं. कोर्ट ने इसे प्रशासन का विषय बताते हुए रोक लगाने से मना कर दिया है.
हुमायूं कबीर का राजनीतिक सफर लगातार विवादों में रहा है. कभी ममता बनर्जी की कैबिनेट में मंत्री रहे कबीर ने कई बार विवादित बयान दिए हैं. 2024 में उन्होंने हिंदुओं के खिलाफ एक टिप्पणी की थी जिसके बाद तीखी आलोचना हुई थी. वे कई बार पार्टियां बदल चुके हैं और वर्तमान में टीएमसी से निलंबित हैं. बाबरी मस्जिद शैली की मस्जिद की आधारशिला रखने की घोषणा ने उन्हें एक बार फिर सुर्खियों के केंद्र में ला खड़ा किया है.