कौन बनेगा करोड़पति के आगामी एपिसोड में भारतीय सेना के जवानों ने बताया कि कर्नल सोफिया कुरैशी के पूर्वज रानी लक्ष्मीबाई के लिए लड़े थे. कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह (भारतीय वायु सेना) और कमांडर प्रेरणा देवस्थली (भारतीय नौसेना) के साथ केबीसी के इस वीकेंड के एपिसोड में दिखाई देंगे, जिसे अमिताभ बच्चन होस्ट करेंगे.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सोनी टीवी द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर किए गए आगामी एपिसोड के एक अंश में कर्नल कुरैशी अपने परिवार का इतिहास साझा करती दिखाई दीं. उन्होंने बच्चन से कहा, "मैं एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखती हूँ जहाँ सभी सेना में थे. मेरी परदादी के पूर्वज रानी लक्ष्मीबाई के साथ थे. उन्होंने कहा, "मैंने लोरियां नहीं सुनी हैं. मैंने बहादुरी की कहानियां सुनी हैं और मैंने साहस का अर्थ बताने वाली बातें सुनी हैं.
जानें क्या बोलीं कर्नल सोफिया कुरैशी!
कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि सेना में सभी के लिए एक जैसा प्रशिक्षण दिया जाता है. उन्होंने आगे कहा कि भारतीय सेना एक लैंगिक-तटस्थ सेना है. कर्नल कुरैशी ने बताया कि सैनिकों, अधिकारियों और सभी को एक जैसा प्रशिक्षण मिलता है. कर्नल कुरैशी, विंग कमांडर सिंह और कमांडर देवस्थली इस एपिसोड में महिला सशक्तिकरण पर बात करते हुए सुनाई देंगे. उम्मीद है कि अधिकारी ऑपरेशन सिंदूर के अहम पलों का भी ज़िक्र करेंगे.
मेरे दादा के दादा ब्रिटिश सेना में थे- शायना
इससे पहले, कर्नल कुरेशी की बहन शायना सुनसारा ने एचटीसिटी को बताया था , "मेरे पिता 1971 के बांग्लादेश युद्ध में लड़े थे. उनके पिता भी सेना में थे. हमारे चाचा बीएसएफ में थे. मेरे दादा के दादा ब्रिटिश सेना में थे, जो बाद में क्रांतिकारी लड़ाई में शामिल हो गए. हमारी दादी हमें 1857 के विद्रोह में झाँसी की रानी द्वारा लड़ने की कहानियाँ सुनाती थीं. सोफिया भी झाँसी की रानी की तरह" बोलती चली गई ब्रीफिंग में, वो उसकी प्रेरणा रही है.”
जानिए कर्नल सोफिया कुरैशी कौन हैं?
कर्नल सोफिया कुरैशी का जन्म 1974 में गुजरात के वडोदरा में एक सैन्य परिवार में हुआ था. उन्होंने 1997 में महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय से बायोकेमिस्ट्री में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की. वह वर्तमान में भारतीय सेना की मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री में सेवारत हैं और वह 2016 में आसियान प्लस बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास 'फोर्स 18' में भारतीय दल का नेतृत्व करने वाली पहली भारतीय महिला अधिकारी थीं.
कर्नल कुरैशी ने दिसंबर 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद पंजाब सीमा पर ऑपरेशन पराक्रम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. ऑपरेशन में उनके योगदान के लिए उन्हें जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ से प्रशंसा पत्र भी मिला था.
जानें कौन हैं रानी लक्ष्मी बाई!
झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, जिनका जन्म मणिकर्णिका तांबे के रूप में हुआ था, भारत की सबसे प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानियों में से एक हैं। उन्होंने 1857 के विद्रोह का अग्रणी नेतृत्व किया था. 19 नवंबर 1828 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में जन्मी, उन्हें झांसी की रानी के रूप में प्रसिद्धि मिली और बाद में 1857 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत के प्रतिरोध के प्रतीक के रूप में किया. रानी लक्ष्मी बाई की मृत्यु 18 जून 1858 को ग्वालियर के युद्ध के दौरान हुई, जब वे ब्रिटिश सेना के साथ भीषण लड़ाई में गंभीर रूप से घायल हो गयीं.