Henley Passport Index: 2025 के हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में भारत का पासपोर्ट 85वें स्थान पर खिसक गया है, जिससे 57 देशों में वीज़ा-मुक्त प्रवेश मिलता है, जबकि पिछले साल यह 59वें स्थान पर था. कभी दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट रहा अमेरिका, दो दशकों में पहली बार शीर्ष 10 से बाहर होकर 12वें स्थान पर आ गया है.
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स, देशों की एक वैश्विक रैंकिंग है जो उनके नागरिकों को उनके सामान्य पासपोर्ट द्वारा दी जाने वाली गतिशीलता की स्वतंत्रता के आधार पर दी जाती है. इसे 2005 में हेनले एंड पार्टनर्स वीज़ा प्रतिबंध सूचकांक के रूप में लॉन्च किया गया था और जनवरी 2018 में इसे हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के रूप में अपडेट किया गया.
सिंगापुर 193 गंतव्यों तक पहुंच के साथ सबसे आगे है, उसके बाद दक्षिण कोरिया और जापान का स्थान है, जो वैश्विक यात्रा में एशिया के बढ़ते प्रभुत्व को दर्शाता है. जर्मनी, इटली, स्पेन और स्विट्ज़रलैंड जैसे यूरोपीय देश भी अपनी स्थिर कूटनीति और यात्रा के प्रति खुलेपन के कारण शीर्ष 10 में प्रमुखता से बने हुए हैं.
हेनले एंड पार्टनर्स के अनुसार, भारत का पासपोर्ट 2025 में पिछले वर्ष की तुलना में पांच स्थान गिरकर 85वें स्थान पर आ गया है. भारतीय पासपोर्ट धारक अब 57 देशों में वीज़ा-मुक्त यात्रा कर सकते हैं, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 59 थी. समय के साथ, भारत की रैंकिंग में काफ़ी उतार-चढ़ाव आया है, 2006 में 71वें स्थान से 2021 में 90वें स्थान तक और 2024 में यह 80वें स्थान पर था. वर्तमान में भारतीयों को भूटान, इंडोनेशिया, मॉरीशस, नेपाल और त्रिनिदाद एवं टोबैगो सहित 12 स्थानों पर वीजा-मुक्त प्रवेश की सुविधा प्राप्त है.