भारत ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच मुद्दों के समाधान में किसी भी तीसरे पक्ष की भूमिका स्वीकार्य नहीं है. यह प्रतिक्रिया अमेरिका के ओवल ऑफिस में हुई उस बैठक के बाद आई है जिसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पाक सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शामिल हुए.
बैठक के बाद विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि उसने इस घटनाक्रम को संज्ञान में लिया है, लेकिन भारत का रुख हमेशा से स्पष्ट और सुस्पष्ट रहा है कि दोनों देशों के बीच मामलों में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं हो सकती.
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि भारत की स्थिति लगातार समान और सुविचारित रही है. भारत और पाकिस्तान से जुड़े सभी मुद्दे आपसी बातचीत और द्विपक्षीय ढांचे के भीतर ही हल किए जाने चाहिए. मंत्रालय ने यह भी जोड़ा कि यह बात अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पहले से ही भली-भांति ज्ञात है कि भारत किसी भी प्रकार के बाहरी मध्यस्थता प्रयासों को मान्यता नहीं देता. इस बयान से भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान और अमेरिका दोनों को संदेश दिया है कि उसकी संप्रभुता और कूटनीतिक सिद्धांतों पर कोई समझौता नहीं होगा.
ओवल ऑफिस में हुई इस बैठक ने एक बार फिर भारत-पाक संबंधों पर वैश्विक चर्चा को जन्म दिया. पाकिस्तान की ओर से इस मुलाकात को अहम बताया जा रहा है, वहीं भारत ने संतुलित और सख्त प्रतिक्रिया देते हुए अपने पुराने रुख को दोहराया. कूटनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि भारत का यह कदम पाकिस्तान की ओर से बार-बार उठाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के मुद्दे को ठंडा करने वाला है. साथ ही, यह स्पष्ट करता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत तभी संभव है जब पाकिस्तान आतंकवाद और सीमा पार हिंसा जैसी समस्याओं पर ठोस कदम उठाए.