उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भारी संख्या में लोग एकत्र होकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपने पहुंचे. मामला 'आई लव मोहम्मद' लिखे बैनर को लेकर खड़ा हुआ विवाद था. हालांकि, भीड़ अचानक बेकाबू हो गई और पुलिस को हालात संभालने में कठिनाई का सामना करना पड़ा.
अधिकारियों के अनुसार, भीड़ में कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. देखते ही देखते माहौल तनावपूर्ण हो गया और प्रशासन को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा. लाठीचार्ज की कई तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, जिनमें पुलिस को प्रदर्शनकारियों को दौड़ाकर हटाते हुए देखा जा सकता है.
इस पूरे घटनाक्रम के बाद बरेली प्रशासन ने स्थिति पर कड़ी नजर बनाए रखी है. इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके. अधिकारियों का कहना है कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन हालात को देखते हुए चौकसी बरती जा रही है. वहीं, बैनर विवाद को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश अब भी बरकरार है और प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती बना हुआ है.
In UP's Bareilly, police opened lathicharge and dispersed a huge crowd of people who had gathered to submit a memorandum to the adminstration over the "I love Mohammad" banner controversy. Reports of crowd resorting to stonepelting triggering lathicharge has also surfaced. pic.twitter.com/EcqDpVr79P
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) September 26, 2025
दरअसल, ये विवाद कानपुर के रावतपुर स्थित सैय्यद नगर मोहल्ले से शुरू हुआ था. जानकारी के अनुसार 4 सितंबर को बारावफात की सजावट के दौरान यह बोर्ड सड़क पर लगाया गया था. लोगों के विरोध के बाद पुलिस ने बोर्ड हटवाकर कार्यक्रम स्थल के पास लगवा दिया. अगले ही दिन एक धार्मिक पोस्टर फाड़े जाने से मामला और बिगड़ गया. 10 सितंबर को पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया, लेकिन इसे गलत तरीके से 'आई लव मोहम्मद' लिखने पर केस बताया गया, जबकि असल वजह बोर्ड का गलत स्थान पर लगना था.
गलतफहमी और अफवाहों के चलते विवाद ने बड़ा रूप ले लिया. मुस्लिम समुदाय में संदेश फैल गया कि पुलिस ने पोस्टर लगाने पर कार्रवाई की है. इसके विरोध में जुलूस निकाले जाने लगे और लोगों ने दुकानों और घरों पर 'आई लव मोहम्मद' के पोस्टर चिपकाने शुरू कर दिए. इस बीच पुलिस लगातार लोगों को असल तथ्य समझाने की कोशिश कर रही है, लेकिन कुछ समूह इसे तूल देकर माहौल बिगाड़ने में लगे हैं.