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India Daily

ट्रंप के टैरिफ के जवाब में भारत का कड़ा कदम, अमेरिका के लिए डाक सेवाएं पूरी तरह बंद!

भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते टैरिफ विवाद ने अब आम लोगों की जिंदगी पर भी असर डालना शुरू कर दिया है. भारतीय डाक विभाग ने अमेरिका जाने वाली सभी डाक सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का ऐलान किया है.

India US postal Suspension

India US postal Suspension: भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते टैरिफ विवाद ने अब आम लोगों की जिंदगी पर भी असर डालना शुरू कर दिया है. भारतीय डाक विभाग ने अमेरिका जाने वाली सभी डाक सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का ऐलान किया है.

इस फैसले के तहत अब न तो कोई पत्र, दस्तावेज, पार्सल और न ही 100 डॉलर तक के उपहार अमेरिका भेजे जा सकेंगे. यह कदम अमेरिकी प्रशासन द्वारा लागू किए गए नए टैरिफ नियमों और भारतीय डाक वाहकों की तकनीकी असमर्थता के कारण उठाया गया है.

टैरिफ विवाद का मूल कारण

इस आदेश ने 800 डॉलर तक के सामानों पर दी जाने वाली टैक्स छूट को समाप्त कर दिया. अब 29 अगस्त 2025 से अमेरिका पहुंचने वाले हर पार्सल पर नए टैरिफ नियम लागू हो गए हैं. इसके अतिरिक्त, 100 डॉलर से अधिक मूल्य के सामानों पर सीमा शुल्क अनिवार्य कर दिया गया है. 

इस नियम के तहत, टैक्स वसूलने वाली कंपनियों या एजेंसियों को अमेरिकी सीमा शुल्क विभाग (CBP) से मंजूरी लेनी होगी. 15 अगस्त को कुछ दिशा-निर्देश जारी किए गए, लेकिन कई महत्वपूर्ण सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं, जैसे कि टैक्स वसूलने की प्रक्रिया और इसके लिए जिम्मेदार एजेंसियां.

इस अस्पष्टता के चलते, अमेरिका जाने वाली उड़ानें और कूरियर कंपनियां 25 अगस्त से भारतीय डाक सामग्री स्वीकार नहीं कर रही हैं. पहले यह कहा गया था कि 100 डॉलर तक के उपहार और दस्तावेज भेजे जा सकेंगे, लेकिन अब इन सेवाओं पर भी पूर्ण रोक लगा दी गई है.

आम लोगों पर प्रभाव

यह निर्णय उन भारतीयों के लिए बड़ा झटका है, जो अमेरिका में रहने वाले अपने परिवार, दोस्तों या व्यावसायिक सहयोगियों को डाक के माध्यम से सामान भेजते थे. खासकर छोटे व्यवसायी, जो पार्सल के जरिए अमेरिका में सामान निर्यात करते थे, अब वैकल्पिक और महंगी कूरियर सेवाओं पर निर्भर होंगे.

भारतीय डाक विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन ग्राहकों ने पहले से डाक बुक कर ली थी, लेकिन अब वह सामान नहीं भेजा जा सकता, वे अपने डाक शुल्क की वापसी के लिए दावा कर सकते हैं.

सेवाएं कब होंगी बहाल?

भारतीय डाक विभाग ने आश्वासन दिया है कि वह इस स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है और जल्द से जल्द सेवाओं को बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक अमेरिकी सीमा शुल्क विभाग और भारतीय डाक के बीच डेटा आदान-प्रदान और टैक्स वसूली की प्रक्रिया पूरी तरह स्पष्ट और लागू नहीं हो जाती, तब तक डाक सेवाएं सामान्य होने की संभावना कम है. यह कदम भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव का परिणाम माना जा रहा है.

भारत का जवाबी रुख

भारत ने इस कदम के जरिए अमेरिका को स्पष्ट संदेश दिया है कि वह ट्रंप प्रशासन के एकतरफा टैरिफ नियमों को बर्दाश्त नहीं करेगा. रूस से तेल खरीदने के मुद्दे पर भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाए जाने के बाद यह तनाव और गहरा गया है, जिससे कुल टैरिफ 50% तक पहुंच गया है. भारत ने इसे अव्यावहारिक करार देते हुए राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की बात कही है.