India-China summit: पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच आज हुई मुलाकात ने भारतीय जनता के मन में कई सवाल छोड़ दिए हैं. दोनों ही पक्षों के लोग इस मुलाकात को भारत के लिए अच्छा बता रहे हैं. वहीं, कुछ नेताओं को इस मुलाकात में कमियां भी नज़र आ रही हैं. ऐसे में सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कई बातें लिखी हैं, जिनमें उन्होंने राष्ट्रीय हितों से जुड़े कई सवाल पूछे हैं.
पाकिस्तान को चीन का समर्थन
असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा, "चीनी राष्ट्रपति के साथ आज हुई बैठक उन महत्वपूर्ण सवालों के जवाब देने में विफल रही है जिनकी तलाश भारतीयों को थी. इनमें सबसे ऊपर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को चीन का समर्थन और अफगानिस्तान में CPEC का विस्तार शामिल है. हमने चीन द्वारा नदियों के जल विज्ञान संबंधी आंकड़ों के साझाकरण पर एक शब्द भी नहीं सुना है."
लद्दाख में सीमा विवाद
ओवैसी ने कहा, "लद्दाख में सीमा की स्थिति भी ऐसी है कि हमारे बहादुर सैनिक बफर ज़ोन में गश्त नहीं कर सकते और 2020 के बाद हमारे चरवाहों को कई इलाकों में जाने की अनुमति नहीं है. चीन ने दुर्लभ मृदा और अन्य महत्वपूर्ण वस्तुओं की आपूर्ति फिर से शुरू करने का कोई वादा नहीं किया.
The @PMOIndia meeting with Chinese President today has failed to answer the critical questions that Indians have been looking for. On the top of that list is China’s support for Pakistan during Operation Sindoor and the extension of CPEC into Afghanistan. We have not heard a…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) August 31, 2025
साथ ही भारत से अधिक सामान आयात करने की दिशा में भी कोई प्रगति नहीं दिखी. यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा अवसर हो सकता था, लेकिन इस पर चर्चा का अभाव निराशाजनक है."
'जैकेट का रंग या कालीन की लंबाई मुद्दा नहीं'- ओवैसी
सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "मोदी-शी मुलाकात केवल सतही दिखावे तक सीमित रही. फोटो सेशन, जैकेट का रंग या कालीन की लंबाई जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, भारत को ठोस परिणामों की आवश्यकता थी. यह शिखर सम्मेलन राष्ट्रीय हितों को मजबूत करने में असफल रहा, जिससे जनता में असंतोष बढ़ा है. भारत को ऐसी वार्ताओं में अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट रूप से सामने रखने की जरूरत है."