India Pakistan Tension: पाकिस्तान की आर्थिक हालत लगातार बिगड़ती जा रही है और एक बार फिर वह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बेलआउट पैकेज की उम्मीद लगाए बैठा है. लेकिन इस बार भारत ने इस पर कड़ा रुख अपनाया है. IMF की अहम बोर्ड बैठक से ठीक पहले भारत ने संकेत दिया है कि वह इस मुद्दे पर अपनी चिंता और राय वैश्विक मंच पर स्पष्ट रूप से रखेगा.
IMF बैठक में भारत रखेगा अपना पक्ष
बता दें कि भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने गुरुवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि IMF में भारत के कार्यकारी निदेशक शुक्रवार को होने वाली बोर्ड बैठक में देश का पक्ष मजबूती से रखेंगे. उन्होंने कहा, ''मुझे विश्वास है कि हमारे कार्यकारी निदेशक भारत का पक्ष रखेंगे.'' यह बयान उस वक्त आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव अपने चरम पर है और भारतीय सेना ने हाल ही में POK में आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की है.
'पाकिस्तान को बचाने वालों को सोचने की जरूरत'
वहीं विक्रम मिस्री ने बेलआउट पैकेज को लेकर तीखा सवाल उठाया. उन्होंने कहा, ''बोर्ड के निर्णय एक अलग मामला है... लेकिन मुझे लगता है कि पाकिस्तान के संबंध में मामला उन लोगों के लिए स्पष्ट होना चाहिए जो इस देश को बचाने के लिए उदारतापूर्वक अपनी जेबें खोलते हैं.'' बता दें कि मिस्री का इशारा साफ था कि जो देश या संस्थाएं पाकिस्तान को आर्थिक राहत देने की योजना बना रहे हैं, उन्हें उसके इतिहास और हालिया गतिविधियों को ध्यान में रखना चाहिए.
24 बेलआउट पैकेजों में से अधिकांश असफल
इसके अलावा, विदेश सचिव ने यह भी याद दिलाया कि IMF ने अब तक पाकिस्तान को 24 बेलआउट पैकेज दिए हैं, लेकिन उनमें से अधिकतर कभी अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सके. उनका कहना था कि पाकिस्तान का रिकॉर्ड इस मामले में बेहद खराब रहा है और हर बार वह मदद लेकर भी आर्थिक सुधार की जगह फिर से उसी स्थिति में लौट आता है.
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच आया बयान
हालांकि, यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण हैं. भारत ने हाल ही में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चल रहे आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाकर सैन्य कार्रवाई की है. ऐसे में भारत का यह रुख IMF पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.