भारत ने एक बार अमेरिका से अतिरिक्त 73,000 Sig Sauer असॉल्ट राइफल्स मंगवाई है. ये जानकारी कंपनी सिग सॉर के सीईओ ने दी है. इसके पहले भी सेना ने जवानों के लिए 70 हजार सिग सॉर असॉल्ट राइफल्स मंगवाई थी. सिग सार कंपनी के मालिक रान कोहेन ने कहा कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्मी ने हमें दोबारा यह बंदूक भेजने का आर्डर दिया है.
यह हमारे लिए गर्व की बात है. यह डिलीवरी देने के बाद भारतीय सेना के पास 1.45 लाख से ज्यादा Sig Sauer 716 असॉल्ट राइफल्स हो जाएंगी.
ये राइफल चीन और पाकिस्तान सीमा पर फॉरवर्ड पोस्ट पर तैनात सैनिकों को दी जा रही है. इस गन की खासियतों की वजह से इसे जम्मू और कश्मीर में आतंकियों से भिड़ने के लिए शामिल किया गया था.
इस राइफल के शामिल होने से इनसास राइफलों को हटा सकेंगे क्योंकि उसमें 5.56×45 mm की गोलियां लगती थी. इस गन में 7.62×51mm की गोलियां लगती है. ये ज्यादा ताकतवर गोलियां होती है.
सिग-716 अमेरिका और स्विट्जरलैंड में बनती है. यह एक ऑटोमेटिक असॉल्ट राइफल है. इसकी रेंज लंबी है. सटीकता 100 फीसदी है, इसकी मदद से स्नाइपर हमला भी किया जा सकता है. राइफल की कुल लंबाई 34.39 इंच है. इसकी बैरल यानी नली की लंबाई 15.98 इंच है. इसका कुल वजन 3.58 किलोग्राम होता है.
बता दें कि यह गैस आपरेटेड रोटेटिंग बोल्ट सिस्टम वाली राइफल है. इसमें 7.62×51mm नाटो ग्रेड की गोलियां लगती है. इसकी एक मैगजीन में 20 गोलियां आती है. इसके ऊपर एडजस्टेबल फ्रंट और रियर ऑप्टिक्स लगा सकते हैं ताकि दूर बैठे दुश्मन को भी मार गिरा सकें. इसकी रेंज 600 मीटर यानी करीब 1970 फीट होती है.
सिग-716 राइफल हर मिनट 685 राउंड फायरिंग कर सकती है. दुनियाभर में इसके चार तरह के वैरिएंट मौजूद है. जैसे सिग 716CQB ये राइफल पास से लड़ाई लड़ने के लिए बनाई गई है. इसका आकार छोटा है. सिग -716 Carbine यह कार्बाइन का फॉर्मेट है. सिग-716 patrol राइफल यानि ओरिजनल लेंथ वाली राइफलसिग-716 प्रेसिशन मार्क्समैन...यह वेरिएंट भारी होता है. इसकी बैरल की लंबाई 20 इंच होती है. यानी स्नाइपर के लिए बेहतरीन. यह सेमी आटोमेटिक फार्मेंट में आती है.