Operation Sindoor: भारत ने पाकिस्तान द्वारा दशकों से आतंकवाद को दी जा रही शह को उजागर करने और ऑपरेशन सिंदूर के जरिए नई सुरक्षा नीति को स्पष्ट करने के लिए सात बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल गठित किए हैं. पहला प्रतिनिधिमंडल बुधवार को रवाना हुआ. इन दलों के पास एक विस्तृत डोज़ियर है जिसमें पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों और भारत की जवाबी रणनीति की जानकारी दी गई है. वहीं विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने मंगलवार को प्रतिनिधिमंडलों को प्रमुख मुद्दों और वैश्विक रणनीति के बारे में ब्रीफिंग दी. संजय झा, श्रीकांत शिंदे और के. कनिमोझी के नेतृत्व वाले दलों ने बैठक में हिस्सा लिया. ब्रीफिंग करीब डेढ़ घंटे चली.
'भारत शांतिप्रिय है, लेकिन हमला सहन नहीं करेगा' - श्रीकांत शिंदे
बता दें कि शिवसेना नेता श्रीकांत शिंदे ने कहा, ''हम स्पष्ट संदेश देंगे कि भारत शांति चाहता है, लेकिन हमला हुआ तो जवाब भी देगा. पाकिस्तान आतंकवाद फैलाने में लगा है और भारत आर्थिक विकास पर फोकस कर रहा है.'' उनका दल यूएई, लाइबेरिया, कांगो और सिएरा लियोन की यात्रा पर गया है.
33 देशों से होगी मुलाकात, आतंकवाद के सबूत पेश करेगा भारत
प्रतिनिधिमंडल 33 देशों के सांसदों, मंत्रियों और थिंक टैंकों से मिलकर पाकिस्तान की आतंकी भूमिका पर सबूत साझा करेगा. ऑपरेशन सिंदूर को नई नीति की मिसाल के तौर पर प्रस्तुत किया जाएगा. वहीं बीजेपी नेता एसएस अहलूवालिया ने कहा, ''हमने सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. अगर पाकिस्तान सेना हमला करेगी, तो हम चुप नहीं बैठेंगे.''
''पाकिस्तान 40 साल से आतंक फैला रहा है'' - संजय झा
इसके अलावा जेडीयू सांसद संजय झा ने कहा, ''हम दुनिया को बताएंगे कि पाकिस्तान ही वैश्विक आतंकवाद की जड़ है. 2008 में हमने उन्हें सारे सबूत दिए थे लेकिन कुछ नहीं किया गया.'' साथ ही कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि पाकिस्तान ने खुद डीजीएमओ कॉल में संघर्ष विराम की बात की थी, भारत की मंशा स्पष्ट है.
इतना ही नहीं, विक्रम मिसरी ने बताया कि सिंधु जल संधि की भावना मैत्री और सद्भावना पर आधारित थी, जो अब खत्म हो चुकी है. 22 अप्रैल के हमले के बाद भारत ने जल प्रवाह रोक दिया है. बीजेडी नेता सस्मित पात्रा ने कहा, ''यह ब्रीफिंग बेहद महत्वपूर्ण थी. हम पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और ऑपरेशन सिंदूर के प्रभाव को दुनिया के सामने रखेंगे.''