Hanging In Iran: अभी इस साल (2025) को खत्म होने में 3 महीने बाकी हैं, लेकिन ईरान ने इस साल अब तक 1000 से अधिक कैदियों को फांसी दे दी है. इसमें अकेले ईरान- इजरायल युद्ध के बाद से 400 कैदियों को फांसी पर लटकाया गया है, यह पिछले दो दशकों में ईरान में दर्ज की गई सबसे बड़ी वृद्धि है. एक ह्यूमन राइट संस्था ने सोमवार को यह जानकारी दी.
ओस्लो स्थित हेंगाव ऑर्गेनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि इस युद्ध के बाद फांसी की सजाओं में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो पिछले दो दशकों में सबसे अधिक है. इससे पहले इतने कम समय में 1000 से ज्यादा लोगों को फांसी नहीं हुई.
फांसी दिए जाने वालों में कुर्द कैदियों की संख्या अधिक
संस्था के मुताबिक, फांसी दिए गए लोगों में 33 पॉलिटिकल कैदी और 148 कुर्द कैदी शामिल हैं. संस्था ने कहा कि केवल पांच प्रतिशत मामलों की ही रिपोर्ट राज्य मीडिया द्वारा की गई. ईरान की आबादी में कुर्दों का हिस्सा मात्र 12.5 प्रतिशत है लेकिन कुल फांसी का हिस्सा मात्र 15 प्रतिशत है.
सितंबर 2022 में महिलाओं की आजादी को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन को कुचलने और इजरायल से चले 12 दिनों के युद्ध के बाद ईरान ने जासूसी, राजद्रोह और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने का हवाला देते हुए लोगों को गिरफ्तार करने और उन्हें फांसी देने की गति को बढ़ा दिया है.
एम्नेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 में दुनिया में दी गई फांसियों में से 64 प्रतिशत फांसी अकेले ईरान में दी गई. यूएन के डेटा के मुताबिक, ईरान ने करीब 975 लोगों को फांसी दी जो कि 2015 के बाद से सबसे अधिक है.
वहीं इस साल यह आंकड़ा 2024 के आंकड़े को भी पार कर गया जबकि इस साल को खत्म होने में अभी 3 महीनों का समय बाकी है.
भारत में कब हुई थी आखिरी फांसी
भारत में आखिरी फांसी 20 मार्च 2020 को हुई थी. निर्भया गैंगरेप में दोषी करार दिए गए चार दरिंदों अक्षय ठाकुर, मुकेश सिंह, पवन गुप्ता और विनय शर्मा को फांसी पर लटका दिया था.