Baglihar Dam on Chenab River: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ हुए सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया था. अब उसी पर इंडिया एक्शन भी ले रहा है. पाकिस्तान कई दिनों से चेतावनी दे रहा था कि अगर भारत ने सिंधु जल समझौते के तहत पानी रोका तो यह पाकिस्तान के खिलाफ हमला माना जाएगा और पाकिस्तान इसका जवाब देगा. यह बयान पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दिया था. लेकिन भारत ने कठम उठा लिया है. उसने सिंधु जल समझौते को स्थगित करने के बाद बांध के फाटक बंद कर इस दिशा मेंं पहला कठम उठाकर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है.
ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स आ रही हैं जिनमें यह कहा जा रहा है कि भारत ने चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध के सभी फाटक बंद कर दिए हैं. यानी अब पानी का प्रवाह पाकिस्तान की ओर नहीं होगा.
भारत ने बांध के फाटक बंद कर उठाया बड़ा कदम
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक सिंधु जल संधि समझौते को स्थगित करने के बाद भारत ने पहली बार बांध के दरवाजे बंद करके इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है. वहीं, पीटीआई की एक रिपोर्ट की मानें तो झेलम नदी पर बने किशनगंगा बांध के भी दरवाजे बंद करने की भारत योजना बना रहा है.
भारत ने यह कदम उठाकर यह साबित कर दिया है कि आतंकवाद को संरक्षण देने वालों के खिलाफ कोई भी कोताही नहीं बरती जाएगी. पाकिस्तान के लिए यह एक तरह की चेतावनी भी है. क्योंकि वह पहलगाम आतंकी हमले के बाद से कई बार भारत को गीदड़ भभकी दे चुका है.
कब बना था बगलिहार बांध
वहीं, बात करें बगलिहार बांध की तो 1992 में इस योजना को पेश किया गया था और 1999 में भारत ने इस पर काम शुरू किया. और यह 2008 में बनकर पूरी तरह तैयार हुआ. इस बांध की क्षमता 475 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी को स्टोर करने की है. इसके साथ ही इस बांध की 900 मेगावॉट बिजली बनाने की भी क्षमता है. पाकिस्तान ने इस बांध को लेकर कई बार विरोध भी जताया है और साथ ही वह विश्व बैंक को इस मुद्दे पर मध्यस्थता करने को कहा था. पाकिस्तान के विरोध के बाद वर्ल्ड बैंक ने मध्यस्था भी की थी.
सिर्फ बगलिहार बांध ही नहीं बल्कि किशनगंगा बांध को लेकर भी पाकिस्तान कई बार आपत्ति जता चुका है. बगलिहार और किशनगंगा बांध दोनों ही हाइड्रो इलेक्ट्रिक बांध हैं.
"आतंकवादियों को मिलेगी ऐसी सजा, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी"
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते इस समय कठिन दौर से गुजर रहे हैं. इस आतंकी हमले में निर्दोष लोगों की मौत हुई थी. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आतंकी हमले के बाद कहा, "यह हमला सिर्फ निर्दोष पर्यटकों पर नहीं था; देश के दुश्मनों ने भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस दिखाया है. इस हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों और इसकी साजिश रचने वालों को ऐसी सजा मिलेगी जिसकी वे कल्पना भी नहीं कर सकते."