Uttarkashi: मंगलवार को अधिकारियों ने वॉकी टॉकी के माध्यम से श्रमिकों से बात कर उनका हाल जाना था. उसके बाद आज बुधवार को उत्तरकाशी में सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों में से एक के भाई ने कहा कि, 'मैं अच्छा हूं, आप लोग घर जाइए, मैं जल्द वापस आऊंगा.'
फंसे हुए श्रमिक पुष्कर सिंह येरी के भाई विक्रम सिंह येरी ने पत्रकारों को बताया कि सुरंग के अंदर फंसे सभी लोगों के लिए प्रशासन द्वारा लगातार फल और अन्य खाद्य सामग्री भेजी जा रही है. उसने आगे कहा कि उनके भाई ने मोबाइल चार्जर मांगा है. बचाव कार्य में लगे अधिकारियों ने भी बोला है कि सुरंग में वाईफाई लगाने का इंतजाम किया जाएगा और श्रमिकों के लिए मोबाइल चार्जर भी भेजें जाएगें.
बता दें कि दो दिन पूर्व प्रशासन ने 6 इंच का पाइप टनल के दूसरी तरफ पहुंचाने में कामयाबी हासिल की थी. जिससे श्रमिकों के लिए फल, खाना, दवाइयां और दूसरी चीजें भेजी जा रही हैं. मंगलवार रात को श्रमिकों के लिए रात के खाने में पाइप के जरिए शाकाहारी पुलाव, मटर-पनीर और मक्खन के साथ चपाती भेजी गई.
वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए स्थान की पहचान कर ली गई है. सुरंग के ऊपर पहाड़ी पर वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए सड़क का काम लगभग पूरा हो चुका है. 350 मीटर से ज्यादा सड़क निर्माण का काम पूरा हो चुका है. बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) यहां से सड़क बना रहा है, जो लगभग पूरा हो चुका है. अंतर्राष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नाल्ड डिक्स ने कहा है कि वे आशा करते हैं कि वें सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित अपने घर पहुंचाएगें और किसी को भी चोट नहीं आने देंगें.
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उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘ऑल वेदर सड़क' परियोजना का हिस्सा है. इस सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था. जिसमें 41 श्रमिक फंस गए थे. जिनकों निकालने के लिए पूरजोर प्रयास किए जा रहे है.