Delhi Iran Airport Temperature: दिल्ली में एक दिन पहले यानी बुधवार को तापमान के 52.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज करने का दावा किया गया. कहा गया कि मुंगेशपुर में बुधवार को 50 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तापमान दर्ज किया गया. दिल्ली में इतने अधिक तापमान की सूचना ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी. इससे पहले पिछले साल जुलाई में ईरान एयरपोर्ट पर तापमान के 66 डिग्री सेल्सियस दर्ज करने की बात कही गई थी. धरती पर इतने अधिक तापमान के रिकार्ड किए जाने के बाद पर्यवरणविदों में चिंता देखी गई. सोशल मीडिया यूजर्स ने इंटरनेट पर कहा कि तापमान के बढ़ने के बाद धरती 'नरक' बनती जा रही है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के रिजीनल चीफ कुलदीप श्रीवास्तव के अनुसार, राजस्थान से आ रही गर्म हवाओं के कारण दिल्ली में पहले से ही टेम्प्रेचर ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है. हाल के वर्षों में, दुनिया ने टेम्प्रेचर के बढ़ने की घटनाओं को देखा है, जो जलवायु परिवर्तन की ओर इशारा कर रही है. अब भारत की राजधानी दिल्ली उन क्षेत्रों की सूची में शामिल हो गई है, जहां रिकॉर्ड तापमान दर्ज किया गया.
SHOCKING NEWS 🚨 Red Alert issued in Delhi. Delhi hits record-breaking 52.3 degrees C, its highest-ever temperature.
— Times Algebra (@TimesAlgebraIND) May 29, 2024
Meanwhile ⚡ Temperature at Iran Airport recorded at 66 Degrees Celsius.
Earth's average temperature has increased by approx 1.2 degrees Celsius since… pic.twitter.com/zhERpIYNsx
दिल्ली में तापमान 52.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो भारत में अब तक का सबसे ज़्यादा तापमान है. ईरान से पिछले साल सूचना आई थी कि हीट इंडेक्स के कारण तापमान अभूतपूर्व रूप से 66 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. ये दोनों घटनाएं पृथ्वी की जलवायु में हो रहे बड़े बदलाव की ओर ध्यान दिलाती हैं, जिसने पर्यावरणविदों में भी चिंता पैदा कर दिया है.
मुंगेशपुर में 52.9 डिग्री सेल्सियस टेम्प्रेचर के दर्ज किए जाने के दावे के बीच एक खबर आई कि मौसम विभाग खुद इस बारे में कन्फर्म नहीं है. देर शाम जब आकंड़ा जारी किया गया, तो बताया गया कि इलाके में अधिकतम तापमान 49 डिग्री से कम रहा. कहा गया कि टेम्प्रेचर मापने वाले मशीन में गड़बड़ी के कारण तापमान 52.9 दर्ज कर लिया गया. अब इसकी जांच की बात कही जा रही है. खुद पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि ये आधिकारिक डेटा नहीं है. जल्द ही आधिकारिक स्थिति बताई जाएगी.
दरअसल, साल 2022 से दिल्ली-NCR में 15 जगहों पर मशीन के जरिए रोजाना का टेम्प्रेचर मापा जाता है. एक दिन पहले यानी बुधवार को दिल्ली के अधिकतर इलाकों में तापमान 45 से लेकर 49.1 के बीच दर्ज किया गया. ऐसे में मुंगेशपुर इलाके में दर्ज किए गए तापमान में गड़बड़ी की आशंका है, क्योंकि अन्य इलाकों में दर्ज किए गए तापमान से ये कही ज्यादा है.
पिछले साल जुलाई में ईरान एयरपोर्ट पर दर्ज किए गए तापमान के बारे में जो दावा किया जा रहा है, वो भी गलत है. दरअसल, गर्मी के मौसम में तापमान की सटीकता के लिए हीट इंडेक्श के जरिए इसे मापना शुरू किया. हीट इंडेक्स के जरिए दर्ज किया गया तापमान वो होता है, जो लोग घरों से बाहर निकलने के बाद महसूस करते हैं. मसलन, अगर कहीं पर टेम्प्रेचर 49 डिग्री दर्ज किया गया और लोगों ने घरों से बाहर निकलने के बाद इसे 55 डिग्री महसूस किया गया, तो हीट इंडेक्स में इसे 55 डिग्री दर्ज किया जाएगा.
ईरान में भी कुछ ऐसा ही हुआ था. उस वक्त यूएस स्टॉर्मवॉच के कोलिन मैकार्थी के अनुसार, ईरान हवाई अड्डे पर 152 डिग्री फारेनहाइट (66.7 डिग्री सेल्सियस) का हीट इंडेक्स दर्ज किया गया. NOAA के आंकड़ों के अनुसार , मैकार्थी की ओर से बताए गए समय पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. सापेक्ष आर्द्रता (Relative humidity) 65 फीसदी थी. इससे 66.7 डिग्री सेल्सियस का स्पष्ट तापमान बना.
फिलहाल, दुनिया के कई ऐसे देश हैं, जहां पर हीटवेब चलती हैं. उदाहरण के लिए, चीन ने 2023 में सैनबो टाउनशिप में 52.2 डिग्री सेल्सियस का अब तक का सबसे अधिक तापमान दर्ज किया. इन घटनाक्रमों पर प्रतिक्रिया देते हुए, यूनिवर्सिटी ऑफ़ रीडिंग के मौसम विज्ञान विभाग के डॉ. अक्षय देवरस ने कहा कि अगर हीटवेब को देखते हुए अलग-अलग देशों की सरकारों ने ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए ठोस कदम नहीं उठाया तो पृथ्वी नरक बन जाएगी.